प्रत्याशी बुला रहे हैं, चले आओ प्रवासी, पंचायत चुनाव में दावेदारों ने प्रवासी मतदाताओं पर डोरे डालने किए शुरू Aligarh news

पिछले साल मार्च में कोरोना की आहट पर लाकडाउन की घोषणा के बाद लाखों लौट दिल्ली हरियाण महाराष्ट्र उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से वापस आ गए थे। ऐसे में गांव में लोगों की संख्या बढ़ गई थी। कुछ दिन बाद दोबारा से हालात ठीक हुए तो यह वापस चले गए।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 09:25 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 09:25 AM (IST)
प्रत्याशी बुला रहे हैं, चले आओ प्रवासी, पंचायत चुनाव में दावेदारों ने प्रवासी मतदाताओं पर डोरे डालने किए शुरू  Aligarh news
पंचायत चुनाव को लेकर गांव-देहात में सियासी सरगर्मी इन दिनों जोरों पर चल रही है।

अलीगढ़, जेएनएन । पंचायत चुनाव को लेकर गांव-देहात में सियासी सरगर्मी इन दिनों जोरों पर चल रही है। अब कोरोना के बढ़ते खौफ के बीच इस चुनाव ने प्रवासियों के घर लौटने की राह और आसान कर दी हैं। दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों में रहने वाले प्रवासी लोगों को प्रत्याशी अपने खर्चे पर गांव बुला रहे हैं। अधिकतर प्रवासियों के लिए गांव देहात से गाडिय़ां भेजी जा रही हैं। तमाम प्रवासी मतदाता गांव आ गए हैं और दावेदारों के साथ चुनाव प्रचार में लग गए हैं। मतदान से पहले हजारों लोगों के और आने की संभावना है। प्रशासन ने भी प्रवासियों के आगमन की बढ़ती संख्या को देखते हुए सभी की कोरोना जांच अनिवार्य कर दी है। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर हर दिन हजारों जांच हो रही हैं।

मतदाताओं को फ्लाइट के टिकट भी भेजे जा रहे 

पिछले साल मार्च में कोरोना की आहट पर लाकडाउन की घोषणा के बाद लाखों लौट दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तराखंड समेत अन्य प्रदेशों से वापस आ गए थे। ऐसे में गांव में लोगों की संख्या बढ़ गई थी। कुछ दिन बाद दोबारा से हालात ठीक हुए तो यह वापस चले गए। अब फिर से कोरोना बढऩे लगा है। वहीं, पंचायत चुनाव भी चल रहे हैं। जिले में भी 29 अप्रैल को मतदान होना है। ऐसे में इन प्रवासियों की वापस लौटने की राह और आसान हो गई है। अब पंचायत चुनाव के प्रत्याशी ही इन प्रवासियों को पुकार रहे हैं। दावेदार उन्हें लाने के लिए टिकट और बसों का इंतजाम करने में लग गए हैं। महाराष्ट्र समेत अन्य दूर प्रदेश में रहने वाले मतदाताओं को फ्लाइट के टिकट भी भेजे जा रहे हैं।

पूरा इंतजाम करते हैं प्रत्याशी

जिले में कुल 867 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें करीब 18 लाख मतदाता हैं। इनमें से दो से तीन लाख मतदाता दूसरे शहर व प्रदेशों में रहते हैं। हर गांव से औसतन 40 से 50 मतदाता बड़े शहरों में रहते हैं। ऐसे में इन परदेसी मतदाताओं को मतदान में लाने के लिए आने-जाने की पूरी व्यवस्था प्रत्याशी करते हैं। टैक्सी, ट्रेन व बस की टिकट भी कराई जाती हैं। चुनाव प्रचार में साथ रहने के लिए भी हर दावेदार को मजदूरी के हिसाब से मोटी धनराशि दी जाती है।

क्‍वारंटाइन सेंटर में होगी प्रवासियों की जांच 

चुनाव में दूसरे राज्य व शहरों से भारी संख्या में लौट रहे प्रवासी श्रमिकों को जिले में आने के बाद सीधे उनके घर नहीं जाने दिया जाएगा। उनको पहले गांव बने क्‍वारंटाइन सेंटर में ले जाया जाएगा। वहां उनकी कोरोना जांच होगी। अगर रिपोर्ट नेगेटिव आती है और व्यक्ति में लक्षण हैं तो उसे सात दिन क्वारंटीन सेंटर में रहना होगा। वहीं, जांच में नेगेटिव पाया जाता है और लक्षण भी नहीं हैं तो घर में कम से कम सात दिन क्‍वारंटाइन रहना होगा। संक्रमित को अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। संबंधित क्षेत्र के लेखपालों को क्‍वारंटाइन सेंटर पर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी बांटी जा रही है।

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