कोरोना वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त कराने के लिए अभियान शुरू Aligarh News
स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में स्वास्थ्य प्रणाली का वैश्विक केंद्र भारत को बनाने संबंधित प्रस्तावों पर परिचर्चा हुई। प्रस्ताव पारित करके इसपर प्रयास तेजी से करने की सहमति भी बनी। सभी स्वस्थ्य और निराेगी रहें विश्व का कल्याण हो।
अलीगढ़, जेएनएन। स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय परिषद की दो दिवसीय बैठक में स्वास्थ्य प्रणाली का वैश्विक केंद्र भारत को बनाने संबंधित प्रस्तावों पर परिचर्चा हुई। प्रस्ताव पारित करके इसपर प्रयास तेजी से करने की सहमति भी बनी। स्वदेशी स्वावलंबन न्यास के अध्यक्ष प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा, अखिल भारतीय सह संगठन सतीश कुमार की पुस्तक वैश्विक महामारी : कोरोना चुनौती और समाधान का विमोचन हुआ। स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर सुंदरम, सह संयोजक अरुण ओझा, प्रो. अश्विनी महाजन, धनपत राम, प्रोफेसर भगवती प्रकाश शर्मा ने स्वदेशी अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी एक विचारधारा है और सकरात्ङमक विचारधारा कभी समाप्त नहीं होती है, वो किसी न किसी रुप में कार्य करती रहती है। हमने स्वदेशी वस्तुओं के अपनाने पर आवाज बुलंद की तो माटी की पोषण क्षमता के लिए भी कार्य कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य सभी स्वस्थ्य और निराेगी रहें, विश्व का कल्याण हो।
कोरोना वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त कराया
अध्यक्ष अर्थशास्त्र विभाग की इंदु वार्ष्णेय को राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मनोनीत किया गया। इस मौके पर मंच के सदस्यों ने उनके घर जाकर उनका स्वागत किया। प्रांत संपर्क प्रमुख डा. राजीव अग्रवाल ने उनको बुके देकर बधाई दी व मंच के सभी पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। डॉ राजीव अग्रवाल जी ने बताया कि स्वदेशी जागरण मंच का विश्व जाग्रति दिवस कार्यक्रम 20 जून होगा। मंच द्वारा वैश्विक स्तर पर यह मुद्दा उठाया गया है कि करोना की वैक्सीन को पेटेंट से मुक्त कराया जाए, जिसके लिए पेटेंट फ्री वैक्सीन याचिका हस्ताक्षर अभियान भी चलाया जा रहा है| पूरे देश में अभी तक लगभग 13 लाख लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं| स्वदेशी जागरण मंच ने कोई भी अभियान अपने हाथ में लिया है तो वह जनआंदोलन बन गया है। यह अभियान भी नई क्रांति लाने का काम करेगा। जिला संयोजक रजनीश राघव ने कहा कि स्वदेशी की विचारधारा को लोग तेजी से समझेंगे? क्योंकि जिस प्रकार से कोरोना की मार पड़ी है, उसमें सबसे सहायक स्वदेशी ही रहा है। स्वदेशी जीवन पद्धति भी है। खान-पान, आहार, विचार इसे हमें अपना अपनाना पड़ेगा। महानगर संयोजक अमित अग्रवाल ने कहा कि हम सब मिलकर इस मुहिम को आगे बढ़ाने का काम करेंगे। डा राजेश पालीवाल, डा अनिल वार्ष्णेय, विनय शर्मा, गुंजित वार्ष्णेय व अंकुर गुप्ता आदि मौजूद रहे।