अलीगढ़ में चाैराहों पर मदद को लगे काल बाक्स, नहीं आयी एक भी काल

इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से सुसज्जित शहर में चौराहों पर लगे इमरजेंसी काल बाक्स (आइसीबी) शोपीस बने हुए हैं। इन्हें लगे चार महीने बीत चुके हैं लेकिन मदद के लिए एक भी काल नहीं किया गया। अधिकारी जागरुकता का अभाव बता रहे हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 23 Feb 2021 04:37 PM (IST) Updated:Tue, 23 Feb 2021 04:37 PM (IST)
अलीगढ़ में चाैराहों पर मदद को लगे काल बाक्स, नहीं आयी एक भी काल
मदद के लिए एक भी काल नहीं किया गया।

अलीगढ़, जेएनएन। इंटेलिजेंस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) से सुसज्जित शहर में चौराहों पर लगे इमरजेंसी काल बाक्स (आइसीबी) शोपीस बने हुए हैं। इन्हें लगे चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन मदद के लिए एक भी काल नहीं किया गया। आइसीबी लगाने के पीछे उद्​देश्य था कि राहगीरों को सुरक्षा का एहसास हो। अपराधिक घटना, हादसा, बीमारी या फिर अन्य किसी आपात स्थिति में राहगीर मदद के लिए बाक्स में लगा बटन दबाकर मदद मांग सकते हैं। संबंधित विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंचेगी। लेकिन, चार महीने में एक भी शिकायत दर्ज नहीं हो सकी है। इससे तो यही संभावना जताई जा रही है कि चौराहों पर या तो किसी के सामने आपात स्थिति आयी नहीं, या फिर लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। हालांकि, अधिकारी जागरुकता का अभाव बता रहे हैं।

चौराहों  पर लगे कॉल बॉक्‍स

शहर के 25 चौराहों पर इमरजेंसी काल बाक्स लगाए गए हैं। ये बाक्स उन्हीं पोल पर लगाए गए हैं, जहां स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट के तहत हाईटेक कैमरे लगे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि काल बाक्स की मदद से सड़कों पर महिला और बच्चों के साथ होने वाली घटनाओें पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा। शहर के हाथरस अड्डा, रसलगंज चौराहा, कब्र कुत्ता, एएमयू सर्किल, अब्दुल्ला तिराहा, क्वार्सी चौराहा, केलानगर चौराहा, मैरिस रोड चौराहा, मसूदाबाद, दुबे का पड़ाव, एटा चुंगी, कलक्ट्रेट तिराहा, तस्वीर महल, तहसील तिराहा, ओएलएफ, सूतमील, देहलीगेट, जकरिया मार्केट, अचलताल, खेरेश्वर चौराहा, गांधीपार्क, सेंटर प्वाइंट, सासनीगेट, मथुरा रोड, आगरा रोड पर इन्हें लगवाया गया है। योजना के तहत महिलाओं को तत्काल मदद पहुंचाने के लिए महिला पुलिस बल, महिला डाक्टर व अन्य सुविधाओं से संबंधित कर्मियों को इंटीग्रेटेड कंमाड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) में तैनात किया जाना था। ट्रायल की अवधि में ये सभी सुविधाएं मौजूद थीं, लेकिन जब कहीं से किसी तरह की कोई मदद नहीं मांगी तो आइसीसीसी से अतिरिक्त कर्मचारियों को हटा लिया गया। हालांकि, ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए पुलिस कर्मी नियुक्त हैं। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि जागरुकता के अभाव के चलते इसका उपयोग नहीं हो पा रहा। इसके लिए प्रचार-प्रसार भी कराया गया था। 

ऐसे काम करता है काम बाक्स

इमरजेंसी काल बाक्स में एक बटन के साथ माइक लगा है। बटन दबाते ही सेवाभवन स्थित आइसीसीसी में संबंधित लोकेशन का मैसेज पहुंचेगा। सीसीटीवी कैमरे के जरिए आइसीसीसी में स्क्रीन पर उस लोकेशन को ओपन किया जाएगा। माइक के जरिए पीड़ित व्यक्ति समस्या बताकर मदद ले सकेगा। समस्या जिस विभाग से जुड़ी होगी, वहां से मदद पहुंचाई जाएगी।

chat bot
आपका साथी