कोरोना काल में भी बनाए रखी हाथरस में व्यवसाय की प्रगति

मुश्किल घड़ी में हार मानने की बजाय उसका सामना करना ही बहादुरी है। कोरोना काल के दौरान संकट की घड़ी को भी अपनी सूझ-बूझ व नई सोच के साथ नए अवसर और तरक्की में बदलने का कार्य व्यवसाइयों ने कर दिखाया।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 10:00 AM (IST)
कोरोना काल में भी बनाए रखी हाथरस में व्यवसाय की प्रगति
कोरोना काल जैसी संकट की घड़ी में कारोबारा को दी रफ्तार

जेएनएन, हाथरस।  मुश्किल घड़ी में हार मानने की बजाय उसका सामना करना ही बहादुरी है। कोरोना काल के दौरान संकट की घड़ी को भी अपनी सूझ-बूझ व नई सोच के साथ नए अवसर और तरक्की में बदलने का कार्य व्यवसाइयों ने कर दिखाया। ऐसे ही प्रतिभाशाली व्यवसाइयों में से एक हैं भवन निर्माण सामग्री सप्लायर शरद माहेश्वरी। 

सीधे किया संपर्क 

वैश्विक महामारी कोरोना काल में अधिकतर लोगों के काम-धंधे बंद हो गए थे। शरद माहेश्वरी ने आपदा को अवसर में बदलने की रणनीति तैयार कर उसे अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया। ग्राहकों से मोबाइल पर संपर्क बढ़ाया। मैसेज के माध्यम से आर्डर लिए। इसके लिए बजरी, मौरंग, गिट्टी की सप्लाई को सीधे ग्राहकों के घर पहुंचाना शुरू कर दिया।

नौकरी पेशा ने ली निर्माण में रुचि

शरद ने नौकरीपेशा लोगों को समय का सदुपयोग करते हुए रुके भवन निर्माण कार्य को कराने के लिए प्रेरित किया। उन्हें निर्माण सामग्री घर पर ही उपलब्ध कराने का भरोसा दिया। आर्डर मिलने के बाद गिट्टी, चंबल व मौरंग राजस्थान से, डस्ट ग्वालियर से व बालू गंगाघाट से मंगाई। इस दौरान डस्ट की अधिक बिक्री हुई। सीमेंट की कीमत तीस रुपये प्रति बोरी कम होने से भी ग्राहकों को लाभ मिला। शरद की परिपक्वता से उनके व्यवसाय का पहिया दौड़ता रहा। 

कैशलेश पेमेंट की दी सुविधा

भवन निर्माण सामग्री खरीदने के दौरान आर्डर लेने से लेकर पेमेंट तक की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी। डिजिटल माध्यम से ग्राहकों ने घर से ही पेमेंट कर दिया। सामान की गुणवत्ता को बनाए रखने से ऑर्डर में भी कमी नहीं आई। उनके व्यवसाय का पहिया निरंतर चलता रहा। 

लोगों को दिलाया रोजगार : 

निमार्ण कार्य से जुड़े राजमिस्त्री व प्रतिष्ठानों पर कार्य करने वाले घर बैठ गए थे। उन्होंने इन लोगों से संपर्क कर उन्हें रोजगार दिलाया। इसमें ट्रक चालक से लेकर माल उतारने वाले मजदूरों के लिए कार्य दिलाया। इस व्यवसाय के चलते लोगों को काम मिलने से उनकी रोजी-रोटी चलती रही। शरद का कहना है कि कोरोना काल में सबका ध्यान रखना था। ऐसे में व्यवसाय को बंद करना उचित नहीं दिखा। इसके लिए वीडियो कॉङ्क्षलग के माध्यम से ग्राहकों को विश्वास में लेकर उनसे आर्डर लिए गए। उन्हें गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देकर व्यवसाय की प्रगति को बनाए रखा।

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