शिक्षक नेताओं पर मेहरबानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारियों पर गिर सकती है गाज Aligarh News

पंचायत चुनावों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें तमाम ऐसी शिक्षिकाएं भी शामिल हो गई हैं जिनको गंभीर बीमारी या समस्या है। कुछ दिव्यांग शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लग गई है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 10:34 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 10:34 AM (IST)
शिक्षक नेताओं पर मेहरबानी करने वाले खंड शिक्षाधिकारियों पर गिर सकती है गाज Aligarh News
कुछ दिव्यांग शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लग गई है।

अलीगढ़, जेएनएन। पंचायत चुनावों में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है। इसमें तमाम ऐसी शिक्षिकाएं भी शामिल हो गई हैं जिनको गंभीर बीमारी या समस्या है। कुछ दिव्यांग शिक्षिकाओं की ड्यूटी भी पंचायत चुनाव की ड्यूटी में लग गई है। इतना ही नहीं पति-पत्नी शिक्षक हैं तो ऐसे में किसी एक की ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के रूप में लगाने के शासन के आदेश हैं। मगर जिले में ऐसे भी कई प्रकरण सामने आए जहां पति-पत्नी दोनों सरकारी महकमे में हैं और दोनों की ड्यूटी चुनाव में लगी है। ऐसे में शिक्षक नेताओं ने शिक्षिकाओं की ड्यूटी कटवाने के लिए हंगामा भी किया और जोरदारी से मांग भी रखी। अफसरों ने गंभीर प्रकरणों वाले केस में ड्यूटी कटवाने के आवेदन भी मांगने शुरू कर दिए। मगर विभाग के ही कुछ बाबुओं ने अफसरों के कानों में ये भी डाला है कि जो शिक्षक नेता हंगामा कर रहे हैं, उनके नाम तो ड्यूटी में आए ही नहीं।

यह है मामला

अफसरों के कानों में जब ये बात पहुंची तो उन्होंने भी इसकी पड़ताल करने की ठान ली। अब ब्लाकवार सूची तैयार कराई जा रही है कि किस क्षेत्र से कितने शिक्षक नेताओं के नाम ड्यूटी में शामिल नहीं किए गए। विभागीय सूत्रों के अनुसार खंड शिक्षाधिकारियों ने शिक्षकों के नामों की सूची पीठासीन अधिकारी व चुनाव ड्यूटी के लिए दी है। ब्लाक के प्रतिष्ठित व दबंग टाइप के शिक्षक नेताओं पर महरबानी करने के लिए व उनका हितैषी बनने के लिए शिक्षक नेताओं के नाम चुनाव ड्यूटी में नहीं दिए गए। अब जब इसकी भनक अफसरों को लगी तो उन्होंने कुछ विभागीय कर्मचारियों को इस काम में लगा दिया है कि वे पता करें कि किस ब्लाक में किस नेता की ड्यूटी नहीं आई है। 

पता कराया जाएगा

रिपोर्ट तैयार करने के बाद स्थिति का अवलोकन करने के बाद जरूरत पड़ी तो खंड शिक्षाधिकारियों से इस संबंध में जवाब भी मांगा जा सकता है। अगर किसी प्रभाव में आकर सूची में शिक्षक नेताओं का नाम न देने का मामला सामने आया तो अफसर कार्रवाई से भी पीछे नहीं हटेंगे। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि कुछ लोगों के जरिए ये बात सुनने में आई है कि खंड शिक्षाधिकारियों ने कुछ शिक्षक नेताओं पर रहम की है। मगर सुनी-सुनाई बातों पर किसी को दोषी नहीं कह सकते। इस संबंध में पता कराया जाएगा।

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