MLC Election : मानवेंद्र पर टिकी भाजपाइयों की आस Aligarh news
विधान परिषद स्नातक और शिक्षक चुनाव में जो सपने भाजपाइयों ने देख थे वो वैसा चुनाव में होता दिख नहीं रहा है। आगरा में चल रही मतगणना से खबर ठीक नहीं आईं। शिक्षक प्रत्याशी डॉ. दिनेश वाशिष्ट पर निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आकाश अग्रवाल भारी रहे।
अलीगढ़, जेएनएन: विधान परिषद स्नातक और शिक्षक चुनाव में जो सपने भाजपाइयों ने देख थे वो वैसा चुनाव में होता दिख नहीं रहा है। आगरा में चल रही मतगणना से खबर ठीक नहीं आईं। शिक्षक प्रत्याशी डॉ. दिनेश वाशिष्ट पर निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आकाश अग्रवाल भारी रहे। भाजपाइयों की अब मानवेंद्र पर आस टिकी हुई हैं। देर रात स्नातक की मतगणना शुरू हुई थी।
पहली बढ़त को माना शुभ संकेत
एमएलसी स्नातक और शिक्षक में जिले से छह प्रत्याशी मैदान में थे। स्नातक में भाजपा से डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह, निर्दलीय ओपी आर्या, निर्दलीय डॉ. अनूप शर्मा मैदान में रहे। शिक्षक में माध्यमिक शिक्षक संघ से जगवीर किशोर जैन, सपा से हेवेंद्र सिंह उर्फ हऊआ मैदान में थे। प्रत्याशी और उनके समर्थक बुधवार को ही आगरा में फीरोजाबाद रोड पर मंडी समिति स्थित मतगणना स्थल पर पहुंच गए थे। गुरुवार को मतों को छांटने के चलते मतगणना देरी से शुरू हुई। सबसे पहले शिक्षक प्रत्याशी की मतगणना शुरू हुई। शुरुआती दौर में भाजपा से शिक्षक प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ 200 से अधिक वोट से डॉ. आकाश अग्रवाल से आगे चल रहे थे। बढ़त देख भाजपाई खुशी से उछल पड़े। अलीगढ़ में चर्चा होने लगी कि पहली बढ़त बनाई है, शुभ संकेत है, जीत निश्चित होगी। मगर, ज्यों-ज्यों मतगणना आगे बढ़ती गई त्यों-त्यों भाजपा प्रत्याशी वशिष्ठ पीछे होते चले गए। पहले राउंड की मतगणना में कुल 13995 वोट निकले। इसमें 541 वोट रद हुए। पहले राउंड में भाजपा प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ निर्दलीय प्रत्याशी डॉ. आकाश अग्रवाल से आगे थे। मगर, दूसरे राउंड में आकाश अग्रवाल डॉ. दिनेश वशिष्ठ से काफी आगे चल रहे थे। तीसरे नंबर पर माध्यमिक शिक्षक संघ के जगवीर किशोर जैन चल रहे थे। हालांकि, वह पहले राउंड से ही बाहर से हो गए थे। सपा प्रत्याशी हेवेंद्र सिंह उर्फ हऊआ चौधरी की स्थिति और भी खराब थी। उनके जीत के दावे धरे रह गए।
भारी लाव-लश्कर भी नहीं आया काम
एमएलसी के चुनाव में सबसे अधिक प्रतिष्ठा सत्तारुढ़ दल की लगी हुई है। भाजपा के शिक्षक प्रत्याशी डॉ. दिनेश वशिष्ठ को तो भाजपाइयों ने मतदान के दिन ही जीत घोषित कर दी थी। भाजपा जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह और महानगर अध्यक्ष डॉ. विवेक सारस्वत ने कहा था कि 70 फीसद से अधिक मतदान हुआ है, अब तो पीछे मुड़कर देखने का सवाल ही पैदा नहीं होता। जीत सुनिश्चित है। मगर, देररात वशिष्ठ के पीछे चलने से उनके पसीने छूट रहे थे।
स्नातक पर टिकी रहीं निगाहें
जिले की सबसे अधिक निगाहें स्नातक के चुनाव पर लगी रही। भाजपा प्रत्याशी डॉ. मानवेंद्र प्रताप सिंह की स्थिति को जानने के लिए हर कोई बेताब दिख रहा था। हालांकि, रात 12 बजे मतगणना शुरू हो पाई थी, मगर जिले से लोग दोपहर बाद ही सक्रिय हो गए थे। वह आगरा में अपने समर्थकों पल-पल की खबर ले रहे थे। डॉ. दिनेश वशिष्ठ की स्थिति देख भाजपाइयों के होश उड़े हुए थे।
पांचवी बार का नहीं बना सके रिकार्ड
शिक्षक एमएलसी के प्रत्याशाी जगवीर किशोर जैन का पांचवीं बार एमएलसी बनने का सपना धरा रह गया। वह चार बार एमएलसी रह चुके हैं। जिले में पहले ऐसे व्यक्ति हैं, जिनके नाम यह रिकार्ड कायम है। माध्यमिक शिक्षक संघ के माध्यम से उन्होंने लंबे समय तक वर्चस्व कायम रखा। साफ-सुथरी छवि और ईमानदारी ने जगवीर किशाेर जैन को इतनी उंचाइयों पर पहुंचाया था। मगर, मतगणना में तीसरे नंबर पर आने से वह मायूस दिखे।