बाइक सवार बदमाशों ने भाई बहन को ओवरटेक कर रोका, मारपीट कर की लूटपाट Aligarh news
अतरौली के थाना पालीमुकीमपुर क्षेत्र के गांव शीशई के निकट बाइक सवार बदमाशों ने भाई बहन के साथ मारपीट करते हुए नकदी-जेबर लूट लिए। घटना की सूचना मिलते ही तमाम की ग्रामीण व थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अतरौली के थाना पालीमुकीमपुर क्षेत्र के गांव शीशई के निकट बाइक सवार बदमाशों ने भाई बहन के साथ मारपीट करते हुए नकदी-जेवर लूट लिए। घटना की सूचना मिलते ही तमाम की ग्रामीण व थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। बदमाशों की पिटाई से भाई गंभीर रूप से घायल हो गया। पीड़ित ने घटना की तहरीर थाना पुलिस को दे दी है।
ओवर टेक करने को लेकर हुआ विवाद
गांव प्यावली निवासी राजकुमार पुत्र दिलीप कुमार अपनी चचेरी बहन मिथलेश के साथ गिन्नोर रिश्तेदारी से सोमवार की शाम लौट रहा था। उसी दौरान गांव शीशई के निकट बाइक सवार तीन बदमाशों ने उनकी बाइक को ओवरटेक करते हुए रोक लिया और लूटपाट करने लगे। जिसका विरोध युवक ने किया तो तीनों बदमाशों ने युवक को जमकर मारा पीटा, जिससे वह बेहोश होकर वहीं गिर गया। बदमाश भाई बहन से 20000 रुपये, पजेव व कुंडल लूट कर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही इलाका पुलिस व तमाम ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने घटना की जानकारी करते हुए बदमाशों को काफी तलाशा, मगर बदमाशों का कुछ पता नहीं चल सका। पीड़ित के द्वारा घटना की तहरीर पुलिस को दे दी गई है।
एसटी की अदालत ने 13 साल पुराने मामले में सुनाया फैसला
अलीगढ़ । एससी-एसटी कोर्ट की विशेष अदालत के न्यायाधीश मनोज कुमार अग्रवाल ने अतरौली थाना क्षेत्र में 13 साल पहले दुकानदार से मारपीट के मामले में चार लोगों को दो-दो साल कारावास की सजा सुनाई है। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी आरएस वर्मा ने बताया कि ग्राम बढ़ौली के रहने वाले सतीश चंद्र ने 24 जुलाई 2008 को अतरौली थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें कहा था कि वह अपनी बैट्री चार्जिंग व साइकिल की दुकान पर बैठा था। रात पौने 10 बजे गांव के चार लोग आए और बैट्री मांगने लगे। सतीश ने बैट्री न होने की बात कही, तभी चारों ने लाठी-डंडों से मारपीट शुरू कर दी। पत्नी बचाने आईं तो उनको भी चोट आईं।शोर सुनकर गांव के अन्य लोग आए, जिन्हें देखकर हमलावर भाग गए। इस मामले में गिरीश, सत्यप्रकाश, विजयपाल व भूपेंद्र के खिलाफ मारपीट व एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस ने चारों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। गवाहों व सत्र परीक्षण के बाद कोर्ट ने चारों पर दोषसिद्ध करते हुए सोमवार को फैसला सुनाया है। साथ ही चारों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से ढाई हजार रुपये पीड़ित को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं।