हाथरस के कुरसंडा में घर-घर पड़ी़ चारपाई, प्रशासन ने फिरोजाबाद के हालात से नहीं लिया सबक Aligarh news

सादाबाद के कुरसंडा गांव में पिछले 25 दिनों दिनों से बुखार व डेंगू न जिस तरह अपने पांव पसार कर घर घर मरीजों की चारपाई बिछा दी हैअब तक एक सैंकड़ा से अधिक मरीज आगरा नोएडा गुरुग्राम हाथरस भर्ती हो चुके है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 04:52 PM (IST)
हाथरस के कुरसंडा में घर-घर पड़ी़ चारपाई, प्रशासन ने फिरोजाबाद के हालात से नहीं लिया सबक  Aligarh news
आगरा के एक अस्पताल में भर्ती कुरसंडा के दो ग्रामीण।

हाथरस, जागरण संवाददाता। सादाबाद के कुरसंडा गांव में पिछले 25 दिनों दिनों से बुखार व डेंगू न जिस तरह अपने पांव पसार कर घर घर मरीजों की चारपाई बिछा दी है,अब तक एक सैंकड़ा से अधिक मरीज आगरा, नोएडा, गुरुग्राम, हाथरस भर्ती हो चुके है। सैंकड़ो मरीज का गांव के अलावा खंदौली व सादाबाद उपचार हो चुका है, दो बच्चों की मौत भी हो गई।  स्थानीय स्वास्थ्य विभाग भी 10 मरीजो की डेंगू की रिपोर्ट दे चुका है। प्रतिदिन बुखार तथा डेंगू के मरीज निकल रहे हैं लेकिन किसी भी प्रशासनिक अथवा स्वास्थ्य अधिकारी का ध्यान गांव की तरफ नहीं है। शायद उनको फ़िरोजाबाद जैसे हालातों का इंतजार है।

लगातार मिल रहे मरीज फिर भी प्रशासन बेखबर

बुखार तथा डेंगू के मरीजों निकलने का सिलसिला कुरसंडा में प्रारंभ हुआ था, इसके बाद गांव थलूगढ़ी, लालगढ़ी, नगला मोहन, नगला मिठास में भी बुखार रूपी वायरल पहुंच गया है। स्थानीय चिकित्सकों पर भरोसा ना होने के कारण ग्रामीणजन अपने बुखार पीड़ित मरीज का उपचार जनपद से बाहर कराने को मजबूर हो रहे हैं, क्योंकि स्थानीय स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जाने वाली जांच की रिपोर्ट 4 दिन तक ग्रामीणों को उपलब्ध नहीं हो पाती है। जबकि आगरा खंदौली तथा अनियंत्रित स्थानों पर मरीजों की रिपोर्ट तत्काल मिलने पर उनका उपचार सुलभ हो जाता है। यही मुख्य कारण है कि ग्रामीण अपने मरीजों का उपचार बाहर कराने को इसीलिए मजबूर होते हैं। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट आती है, तब तक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है। इस कारण चिकित्सकों द्वारा लगाए जा रहे केम्प व दवा पर विश्वास ना रखते हुए ग्रामीण अपने मरीजों को आगरा लेकर भागने को मजबूर होते हैं।

घर घर पड़ी है चारपाई

कुरसंडा में घर-घर में बुखार से पीड़ित मरीजों की चारपाई पडी है।सैकड़ों मरीज डेंगू की आशंका के चलते आगरा हाथरस में इलाज करा रहे हैं। कुरसंडा के बाद नगला मोहन में आधा दर्जन से अधिक ग्रामीण डेंगू की आशंका के चलते आगरा में भर्ती है। इसके साथ साथ नगला मिठास मैं भी एक बच्चा डेंगू की आशंका के चलते आगरा में भर्ती है। वही थलूगढी में घर घर में बुखार से पीड़ित मरीजों की भीड़ है।कुरसंडा में डेंगू की आशंका के चलते सैकड़ों मरीज आगरा हाथरस नोएडा व गुरुग्राम आदि शहरों के अस्पतालों में भर्ती है, लेकिन प्रशासन मौन है। एक सप्ताह से गांव के मरीजों व ग्रामीणों का हालचाल जानने की किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा सुध नहीं ली है। सिर्फ ग्राम प्रधान द्वारा ही गांव में सभी स्थानों पर फोगिंग कराई जा रही है। लेकिन प्रशासन द्वारा इस बीमारी से निजात पाने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। जिससे गांव मे तेज बुखार व डेंगू की आशंका वाले मरीजों को इस बीमारी से निजात मिले। ग्रामीणों को ऐसा लगने लगा है प्रशासनिक एवं स्वास्थ्य अधिकारी शायद फ़िरोजाबाद जैसे हालातों का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारियों की बेरुखी पर शायद ग्रामीणों के सब्र का बांध टूट सकता है। समय रहते अधिकारी ग्राम पंचायत कुरसंडा में फैली बीमारी पर ध्यान देकर बीमार ग्रामीणों की जांच कराकर तत्काल रिपोर्ट मंगाकर हालातों को काबू में करवा सकते हैं।

कुरसंड़ा के 7 मरीज आगरा भर्ती, एक को डेंगू

सादाबाद। कुरसंडा तथा उसके गांव में बुखार तथा डेंगू के मरीजों की स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। प्रतिदिन नए मरीजों के निकलने के कारण ग्रामीणों की जान सांसत में आ गई है। शनिवार को कुलदीप वर्मा 12 वर्ष को आगरा चिकित्सक के यहां दिखाया गया, जहां उसकी रिपोर्ट डेंगू में आई है। इसके अलावा गांव थलुगड़ी के 8 वर्षीय मानवेंद्र, 9 वर्षीय हिमांशु, 12 वर्षीय दिव्यांशु, 70 वर्षीय विजय सिंह अलावा कुरसंडा की 65 वर्षीय केला देवी तथा 40 वर्षीय गीता देवी को तेज बुखार होने के कारण ग्रामीणों द्वारा आगरा तथा खंदोली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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