Basic Education Department : स्पोर्टस किट की राशि ने बढ़ाई गुरुजनों की टेंशन, जानिए विस्तार से
कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को खेलकूद से जोड़ने के लिए स्पोट्र्स किट खरीदने की व्यवस्था शासनस्तर से की गई है। पिछले दो साल में महंगाई ने शिखर छुआ है लेकिन स्पोट्र्स किट की राशि नहीं बढ़ाई गई है।
अलीगढ़,जागरण संवाददाता। कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को खेलकूद से जोड़ने के लिए स्पोट्र्स किट खरीदने की व्यवस्था शासनस्तर से की गई है। पिछले दो साल में महंगाई ने शिखर छुआ है लेकिन स्पोट्र्स किट की राशि नहीं बढ़ाई गई है। ऐसे में प्रधानाध्यापकों की टेेंशन बढ़ गई है कि महंगाई के दौर में पिछले रेट के हिसाब से गुणवत्तापरक खेल उपकरण कैसे खरीदे जाएं?
यह है मामला
खेल उपकरणों की गुणवत्ता खराब होने पर शिक्षकों पर ही कार्रवाई की जाती है। प्राइमरी स्कूलों के लिए पांच हजार रुपये और जूनियर हाईस्कूल के लिए 10 हजार रुपये प्रति स्कूल दिए गए हैं। यह राशि हर प्रधानाध्यापक के खाते में पहुंच चुकी है। ऐसे में प्रधानाध्यापक व शिक्षक इस पशोपेश में हैं कि इतनी कम राशि में गुणवत्तापूर्ण स्पोट्र्स किट कैसे खरीदी जाएं? बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका ने बताया कि स्पोट्र्स किट स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) के जरिए ही खरीदी जाएगी। कोई भी शिक्षक किसी ठेकेदार से स्पोट्र्स किट नहीं खरीदेगा। अगर ऐसी गड़बड़ी की सूचना मिली तो संबंंधित प्रधानाध्यापक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षकों के बोल
पिछले दो सालों में पेट्रोल समेत हर चीज के दाम बढ़े हैं। इसके चलते खेल किट के लिए जारी बजट काफी कम है। इसको बढ़ाना चाहिए। जिससे गुणवत्ता बरकरार रह सके।
रूम सिंह वर्मा, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय दाऊदगढ़ी अतरौली
गुणवत्तापूर्ण स्पोट्र्स किट खरीदने के आदेश हैं लेकिन राशि नहीं बढ़ाई गई है। महंगाई चरम पर है। कोई उपकरण औसत या कमजोर हो तो कार्रवाई भी शिक्षक पर होगी।
कुलदीप शर्मा, प्रधानाध्यापक, कन्या विद्यालय-23 नगर क्षेत्र
प्रति प्राइमरी स्कूल पांच हजार रुपये व जूनियर हाईस्कूल के लिए 10 हजार रुपये प्रति स्कूल के हिसाब से बजट जारी किया गया है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी को ड्रेस खरीदी जाएगी।
सतेंद्र कुमार ढाका, बीएसए