Basic Education Council : जियाे टैगिंग व सर्वे में लापरवाही पड़ जाएगी भारी, महानिदेशक की चढ़ी त्योरियां, जानिए मामला
स्कूल कोराेना संक्रमण बढ़ने से बंद कर दिए गए हैं। पिछले कोरोना संक्रमण काल में सरकारी स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत निर्माण व सौंदर्यीकरण के काम कराए गए थे। इन कामों का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजनी अनिवार्य की गई थी।
अलीगढ़, जेएनएन। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल कोराेना संक्रमण बढ़ने से बंद कर दिए गए हैं। पिछले कोरोना संक्रमण काल में सरकारी स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत निर्माण व सौंदर्यीकरण के काम कराए गए थे। इन कामों का सर्वे कर रिपोर्ट शासन को भेजनी अनिवार्य की गई थी। साथ ही सर्वे करते हुए जियो टैगिंग भी की जानी है। सर्वे रिपोर्ट व जियो टैगिंग न होने से भविष्य मेें रुपये न मिलने का पेंच भी फंस जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में ढिलाई बरतने पर अफसरों व उनके अधीनस्थों पर गाज भी गिर सकती है। क्योंकि प्रकरण महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद के स्तर से उठाया गया है। उनका कहना है कि अगर इन कामों में लापरवाही बरती गई और दो दिन के अंदर सर्वे रिपोर्ट व जियो टैगिंग नहीं की गई तो वे सख्त कार्रवाई करने को बाध्य होंगे।
जिले में 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल
कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत कराए गए कामों की रिपोर्ट तैयार कर, जियो टैगिंग कराने के लिए अफसरों ने खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि सभी 13 ब्लाक के खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि तत्काल अपने-अपने क्षेत्र के स्कूलों में कराए गए कामों की रिपोर्ट तैयार कर जियो टैगिंग कराकर रिपोर्ट तैयार कर लें। अन्यथा की स्थिति में सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिले में 1766 प्राइमरी व 733 जूनियर हाईस्कूल हैं। इनमेें कोरोना संक्रमण काल में लगाए गए लाकडाउन पीरियड में कायाकल्प योजना के तहत काम कराया गया था।
ये है मामला
राज्य सरकार प्राइमरी व जूनियर स्कूलों समेत आंगनबाड़ी केंद्रों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए आपरेशन कायाकल्प चला रही है। इसमें जो काम नहीं हुए हैं उनके लिए चालू वित्तीय वर्ष में योजना बनाई जानी है। वहीं स्कूलों के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसलिए स्कूलों में पीने का पानी, शौचायल, ब्लैक बोर्ड, टाइल्स, हैंडवाश यूनिट, चारदीवारी, फर्नीचर आदि के 14 मानक तय हैं। इन मानकों पर स्कूलों का सर्वे कर रिपोर्ट सौंपनी है और स्कूलों का सर्वे करते हुए जियो टैगिंग करनी है। यह नहीं होने पर केंद्र सरकार से बजट नहीं मिल पाएगा। तमाम जिलों से अभी करीब 50 फीसद तक ही रिपोर्ट तैयार कर भेजी गई है। इस पर महानिदेशक स्कूली शिक्षा की ओर से नाराजगी जताई गई है।