बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी, जानिए कैसे Hathras News

बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रयास शुरू किया है। इसके लिए बैंक कारस्पांडेंट सखी योजना के तहत महिलाओं का चयन किया गया है। मनरेगा की मजदूरी भी बैंक खातों में ही भेजी जा रही है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 04:07 PM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 04:07 PM (IST)
बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी, जानिए कैसे Hathras News
बीसी सखी सुमन को मुरसान ब्लाक पर डिवाइस देते राष्ट्रीय आजीविका मिशन के उपायुक्त अशाेक कुमार।

हाथरस, जेएनएन। बैंकिंग सुविधाएं अब हर दरवाजे तक पहुंचेगी। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्रयास शुरू किया है। इसके लिए बैंक कारस्पांडेंट सखी योजना के तहत महिलाओं का चयन किया गया है। इनको ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र में बैंकिंग सेवाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

यह है योजनाएं

सरकार की अधिकांश योजनाओं का लाभ अब सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में दिया जा रहा है। यहां तक कि मनरेगा की मजदूरी भी बैंक खातों में ही भेजी जा रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री सम्मान निधि, विभिन्न पेंशन योजना, कृषि अनुदान आदि भी लाभार्थी के खाते में पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास की रकम भी सीधे बैंक खाते में आती है। खाते में आई रकम निकालने के लिए लोगों को बैंक जाना पड़ता है। बैंक में कर्मचारी कम होने के चलते वहां भीड़ लगती है। इसके अलावा रकम निकालकर बाहर निकले ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी की भी घटनाएं होती रहती हैं। इसको देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार अब हर गांव में बैंकिंग सेवाओं का विस्तार करने का प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बैकिंग कारस्पांडेंट सखी (बीसी सखी) योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत चयनित महिलाओं को बैंकिंग सेवाओं का प्रशिक्षण देकर गांव-गांव बैंक से संबंधित कार्यों का संचालन किया जाएगा। जनपद हाथरस में भी इस योजना के तहत महिलाओं का चयन किया जा रहा है। इन चयनित महिलाओं को जिला मुख्यालय पर स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र (आरसेटी) में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बीसी सखी अपने गांव में किसी भी बैंक खातेदार के खाते से रुपये निकालने व जमा करने का कार्य करेंगी। 24 घंटे चलने वाली इन सेवा के जरिए ग्रामीण अपने घर बैठे ही रुपयों का लेन-देन कर सकेंगे। इससे योजनाओं का धन सीधे लाभार्थी के घर तक पहुंचाना आसान हो जाएगा।

ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा

बीसी सखी पद पर चयनित महिलाओं को प्रशिक्षण के उपरांत कार्य प्रारंभ करने के लिए उनके स्वयं सहायता समूह के जरिए 75 हजार रुपये का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इसमें से 50 हजार रुपये से पीओएस मशीन समेत अन्य उपकरण खरीदे जाएंगे। शेष 25 हजार रुपये ओवर ड्राफ्ट के तौर पर मिलेगा, जिससे वे रुपयों का लेन-देन शुरू कर सकें। इसके अलावा शुरुआत में छह माह के लिए इन्हें चार हजार रुपये प्रति माह मानदेय दिया जाएगा। परंतु बाद में इन्हें कमीशन एजेंट के तौर पर कार्य करना होगा।

chat bot
आपका साथी