विदाई की बेला में झूमकर बरस रहे बदरा, शीतलहर ने कराया ठंड का अहसास Aligarh news
उत्तर भारत में मानसून अभी सक्रिय है। इसका असर अलीगढ़ में भी दिख रहा है। विगत दो दिनों से लगातर तेज ठंडी हवा चल रही है। बूंदाबांदी भी हो रही है। शुक्रवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे। दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुए ।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। उत्तर भारत में मानसून अभी सक्रिय है। इसका असर अलीगढ़ में भी दिख रहा है। विगत दो दिनों से लगातर तेज ठंडी हवा चल रही है। बूंदाबांदी भी हो रही है। शुक्रवार को सुबह से ही आसमान पर बादल छाए रहे। दिनभर सूरज के दर्शन नहीं हुए । दोपहर में फिर बारिश हो गई। इसके बाद कुछ देर के लिए सूरज ने दर्शन दिए। फिर ठंडी हवा शुरू हो गई। शीतलहर से मौसम खुशगवार है। लेकिन, स्वास्थ्य की दृष्टि से यह मौसम ठीक नहीं।
आमतौर पर सितंबर के शुरुआत में मानसून की विदाई हो जाती है
अमूमन सितंबर की शुरुआत में मानसून की विदाई हो जाती है, लेकिन इस बार सितंबर के तीसरे सप्ताह में भी यह लगातार सक्रिय है। रुक-रुककर बूंदाबांदी व बारिश हो रही है। शुक्रवार तड़के व दोपहर में भी बारिश हुई। इसके बाद भी सूरज नहीं निकला। इससे तामपान में काफी गिरावट आई है। सितंबर में यह अपने न्यूनतम स्तर पर है। अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम 24 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड हुआ। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अगले 24 घंटे में आसमान साफ हो सकता है। धूप निकलने से तापमान में अचानक वृद्धि हो सकती है, लेकिन मानसून के सक्रिय रहने से बूंदाबांदी व बारिश हो सकती है।
मौसम का सेहत पर सितम, बुखार का प्रकोप नहीं हो रहा कम
अलीगढ़। बदलता मौसम सेहत पर भी सितम ढा रहा है। घर-घर में वायरल फीवर व अन्य बीमारियों से लोग ग्रस्त हैं। सरकारी व निजी अस्पतालों की अोपीडी में हर दूसरा-तीसरा मरीज किसी न किसी मौसमी बीमारी का उपचार कराने वाला है। खासतौर से बच्चों के लिए यह मौसम काफी नुकसान पहुंचाने वाला है। विशेषज्ञ, सभी को सलाह दे रहे हैं।
ओपीडी में मरीजों की भीड़
जिला अस्पताल व दीनदयाल चिकित्सालय की ओपीडी में सुबह से ही मरीजों की भीड़ लग गई। नए पुराने करीब चार हजार मरीज उपचार के लिए पहुंचे। सबसे ज्यादा मरीज मौसमी बीमारियों के ही आए। इनमें सर्दी, जुकाम, बुखार, खांसी, त्वचा रोग व आंख संबंधी परेशानी लेकर आए। पेट संबंधी आयुष विंग के प्रभारी डा. नरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह मौसम बीमारियों के लिए काफी अनुकूल है। गर्मी-बारिश के चलते वातावरण में नमी छाई हुई है। मच्छरों के साथ कई तरह की कीट भी है। जलभराव व गंदगी से बैक्टीरिया व वायरस का खतरा भी रहता है। ऐसे में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीजों को वायरल की चपेट में आने की जल्द आशंका रहती है। खासतौर से बच्चों की सेहत को लेकर सावधानी बरतनी है। उन्हें बाहर की कोई भी चीज खानें को न दें। रात को पूरे कपड़े पहनें और बच्चों को भी पहनाएं। कूलर व एसी अब बंद कर दें।
इनका कहना है
सीएमएस डा. रामकिशन ने बताया कि अस्पताल में मौसमी बीमारियों के लिए जांच व उपचार की समस्त सुविधा हैं। सभी दवा उपलब्ध हैं।
ये बरतें सावधानी - एसी व कूलर अब बंद कर दें। - घर में कीटनाशक का छिड़काव करें। - मच्छरों से बचाव के लिए उपाय करें। - पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। - झोलाछापों से इलाज न कराएं। - बीमार होने पर झोलाछाप से इलाज न कराएं। - बाहर का खाने से परहेज करें। - रात का बासी खाना न खाएं।