अशफाक उल्ला खां देश भक्ति को ही मानते थे सबसे बड़ी इबादत Aligarh news

परोपकार सामाजिक सेवा संस्था तोछीगढ़ के तत्वावधान में मोहनलाल मधुर विद्यालय रामपुर बक्टरा के प्रांगण में काकोरी कांड के नायक महान क्रांतिकारी शहीद अश्फाक उल्लाह खान की 121वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्कूली बच्चों की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 09:12 AM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 09:21 AM (IST)
अशफाक उल्ला खां देश भक्ति को ही मानते थे सबसे बड़ी इबादत Aligarh news
काकोरी कांड के नायक महान क्रांतिकारी शहीद अशफाक उल्लाह खान की जयंती पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  परोपकार सामाजिक सेवा संस्था, तोछीगढ़ के तत्वावधान में मोहनलाल मधुर विद्यालय, रामपुर बक्टरा के प्रांगण में काकोरी कांड के नायक महान क्रांतिकारी शहीद अश्फाक उल्लाह खान की 121वीं जयंती के उपलक्ष्य में स्कूली बच्चों की सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में कुल 138 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में सौनू शर्मा, मोहिनी, कृष्णा शर्मा, गौरी शर्मा व सौनी चौधरी ने तथा जूनियर वर्ग में प्रिंसी कुमारी, नेहा, शाहिल मलिक, जसवीर सिंह व अजय कुमार ने क्रमश: स्थान प्राप्त किए। संस्था द्वारा सभी सफल विद्यार्थियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। परीक्षा के बाद सभी विद्यार्थियों और शिक्षकगणों ने शहीद अश्फाक उल्लाह खान के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।

शहीद अशफाक का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था

संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने शहीद अश्फाक उल्लाह खान की सविस्तार जीवनी सुनाते हुए कहा कि अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्टूबर 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हुआ था। काकोरी में हुई ट्रेन लूटपाट में सक्रिय भागीदार होने के कारण ब्रिटिश सरकार द्वारा विद्रोही करार दिया गया था। 9 अगस्त 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला, राजेन्द्र लाहिड़ी, ठाकुर रोशन सिंह, शचीन्द्र बख्शी, चंद्रशेखर आजाद, केशव चक्रवर्ती, बनवारी लाल, मुकुन्दी लाल, मनमथनाथ गुप्ता समेत कई उग्रवादियों के समूह ने ककोरी गांव में सरकारी धन ले जाने वाली ट्रेन में लूटपाट की थी। काकोरी ट्रेन डकैती का मामला राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र लाहिड़ी और रोशन को मौत की सजा देने के साथ समाप्त हुआ। अशफाक उल्ला खां को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई थी।

देशभक्‍ति को ही माना सबसे बड़ी इबादत

अश्फाक उल्ला खां देश भक्ति को ही सबसे बड़ी इबादत मानते थे। हम सबको भी उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देशहित में अपने कर्तव्य का पालन करना चाहिए। कौशल कुमार, राजपाल सिंह व निक्की कुमारी निर्णायक की भूमिका में रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्रबंधक वीरेंद्र सिंह मधुर व संचालन जीतू चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रीती कुमारी, योगेश शर्मा, पल्लवी चौधरी, शिवम चौधरी, काजल, कीर्ती, भूमिका, नीतेश, अंजली, सुनीता, सौनी, गोविंद, प्रियांशी, हिमांशू, मुस्कान रोहित आदि मौजूद रहे।

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