बिजली गयी तो टंकी से मिलेगा पानी, अलीगढ़ में हर घर को मिलेगा जल Aligarh news

हर घर में भरपूर जलापूर्ति की योजनाएं धरातल पर तो आ गईं लेकिन इनका लाभ चुनिंदा इलाके ही उठा पा रहे हैं। बहुत से क्षेत्र अभी भी इनसे अछूते हैं। वाटर लाइन बिछाकर कनेक्शन दे दिए गए लेकिन नलों से एक बूंद पानी नहीं टपका।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 10:45 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 10:45 AM (IST)
बिजली गयी तो टंकी से मिलेगा पानी, अलीगढ़ में हर घर को मिलेगा जल Aligarh news
मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। इस प्रोजेक्ट से पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर होगी।

लोकेश शर्मा, अलीगढ़ । हर घर में भरपूर जलापूर्ति की योजनाएं धरातल पर तो आ गईं, लेकिन इनका लाभ चुनिंदा इलाके ही उठा पा रहे हैं। बहुत से क्षेत्र अभी भी इनसे अछूते हैं। वाटर लाइन बिछाकर कनेक्शन दे दिए गए, लेकिन नलों से एक बूंद पानी नहीं टपका। जहां जलापूर्ति हो रही है, वहां लोग जल निगम पर निर्भर हैं। कहीं वाटर लाइन क्षतिग्रस्त है तो कहीं आपरेटर न होने से ट्यूबवेल बंद पड़े हैं। बिजली गुल होने से भी जलापूर्ति बाधित रहती है। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए नगर आयुक्त रहे प्रेम रंजन सिंह ने ''''मिनी ट्यूबवेल'''' प्रोजेक्ट पर मुहर लगाकर अनोखी पहल की है। तबादले से पहले ही उन्होंने टेंडर भी निकाल दिया। प्रत्येक वार्ड में एक मिनी ट्यूबवेल लगेगा, जहां पानी की टंकी भी होगी। बिजली चली जाए तो टंकी से पानी भरा जा सकता है। ऐसे 100 ट्यूबवेल लगने हैं।

शहर भर में लगेंगे 100 टयूबवेल

शहर में पानी की जितनी डिमांड है, उतनी आपूर्ति नहीं हो पा रही। केंद्र सरकार की अमृत योजना के तहत जल निगम ने वाटर लाइन डालकर 30 हजार घरों में कनेक्शन दे दिए। 40 ट्यूबवेल और ओवरहैड टैंक भी बनवाए गए। लेकिन, इनमें से 21 ही पानी दे रहे हैं। बाकी 19 विद्युत कनेक्शन न होने से बंद पड़े हैं। इसके अलावा भी तमाम ऐसी दिक्कतें हैं, जिसके चलते जलापूर्ति बाधित रहती है। इन्हीं परिस्थितियों को देखते हुए दो माह पूर्व मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर मंथन हुआ था। शहर भर में ऐसे 100 ट्यूबवेल लगाने की योजना बनाई गई। इसके तहत प्रत्येक वार्ड में 200 से 250 फुट की बोरिंग कराकर मिनी ट्यूबवेल लगाए जाने हैं। योजना के मुताबिक ट्यूबवेल के ऊपर ही पानी की टंकी होगी। ट्यूबवेल चलने पर ये टंकी भर जाएगी। बिजली न भी आए तो टंकी से लोग पानी भर सकते हैं। इसके अलावा मिनी ट्यूबवेल से वाटर लाइन जोड़ दी जाएंगी। जल निगम के नलकूपों से जलापूर्ति बाधित होती है, तो इस ट्यूबवेल से जलापूर्ति कराई जाएगी। ये ट्यूबवेल पार्षदों की निगरानी में रहेंगे।

छह करोड़ का प्रोजेक्ट

मिनी ट्यूबवेल का प्रोजेक्ट करीब छह करोड़ रुपये का है। एक ट्यूबवेल में छह लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। पिछले ही दिनों इसका टेंडर निकाला गया है। ट्यूबवेल स्थापित कराने के लिए नगर निगम जमीन भी उपलब्ध कराएगा। पुराने शहर को प्राथमिकता दी जाएगी। ये योजना सफल रही तो पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी।

शहर में पेयजल आपूर्ति

- 13 लाख की आबादी है शहर में

- 225 एमएलडी पानी की है डिमांड

- 100 एमएलडी पानी की नलकूपों से आपूर्ति

- 80 एमएलडी पानी हैंडपंप व सबमर्सिबल से

- 140 नलकूप हैं पेयजल आपूर्ति के लिए

- 43 हजार नलकूप लगे हैं शहर में

- 65 हजार घरों में हैं पेयजल कनेक्शन

- 40 नलकूप अमृत याेजना के तहत बनवाए गए

- 19 नलकूप बिजली कनेक्शन न होने से बंद पड़े

इनका कहना है

मिनी ट्यूबवेल प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। टेंडर निकाले गए हैं। इस प्रोजेक्ट से पेयजल की समस्या काफी हद तक दूर होगी।

अनवर ख्वाजा, जीएम जल

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