बिजली कर्मियों की जिद के आगे व्यवस्था चित, जानिए वजह Aligarh News
जीपीएफ/सीपीएफ घोटाले के विरोध में विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। दो दिनों का कार्य बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठ गए।
अलीगढ़ (जेएनएन) : जीपीएफ/सीपीएफ घोटाले के विरोध में विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने पूरी तरह से मोर्चा खोल दिया है। दो दिनों का कार्य बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठ गए। लाल डिग्गी स्थित बिजलीघर पर अधिकारी और कर्मचारी कार्यालयों से बाहर आ गए। कामकाज पूरी तरह से ठप कर दिया। कैश काउंटर खाली हो गए। बिजलीकर्मियों ने कहा कि जबतक उन्हें उनके पीएफ के बारे में सरकार लिखित आश्वासन नहीं देती है उनका आंदोलन जारी रहेगा। उनके पैसे की सुरक्षा नहीं तो काम नहीं। अब वह आंदोलन से किसी भी तरह से पैर पीछे नहीं खींचने वाले हैं। बिजली कर्मियों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
कामकाज किया ठप
सरकार की ओर से बिजली कर्मियों का जीपीएफ/सीपीएफ का पैसा डीएचएफएल कंपनी को जमा किया गया था। बिजली कर्मियों के इस पैसे का गबन कर दिया। इससे पूरे प्रदेश के बिजलीकर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। लाल डिग्गी स्थित बिजलीघर पर सुबह 10 बजे अधिकारी और कर्मचारी कार्यालयों से बाहर आ गए। संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर धरने पर बैठ गए। कामकाज ठप कर दिया।
घोटाले में शामिल लोग जाए जेल
सभा के अध्यक्ष इं. मोहम्मद सगीर ने कहा कि उनके पीएफ का पैसा मेहनत का है। कर्मचारियों के लिए यही सबसे बड़ी पूंजी होती है। वो यदि नहीं मिला तो बिजलीकर्मियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो जाएगी। अभियंता संघ के सदस्य पीके सागर ने कहा कि कर्मचारियों और अधिकारियों के जीपीएफ/सीपीएफ के पैसे की जिम्मेदारी सरकार ले। सौरभ मंगला ने कहा कि घोटाले में जो लोग भी शामिल हों, उन्हें जेल भेजा जाए। बिजलीकर्मियों ने कहा कि जबतक उनके पैसे की जिम्मेदारी नहीं ली जाती है तबतक उनका आंदोलन जारी रहेगा। अब वह अपने कदम पीछे नहीं खींचने वाले हैं। संचालन सुबोध झा ने किया। धरने पर अधीक्षण अभियंता धर्मेंद्र सारस्वत, एसबी पाल, एमपी सिंह, एके सिंह, वीरभद्र सत्यार्थी, एके रोहेला, अरुण कुमार यादव, संदीप कुमार, हिमांशु गुप्ता, प्रदीप चौहान आदि मौजूद थे।
परिसर का रास्ता किया जाम
बिजली कर्मियों ने लाल डिग्गी स्थित बिजली कार्यालय परिसर में रास्ता जाम कर दिया था। दोदपुर की तरफ से आ रहे गेट के पास सीढ़ी लगा रखी थी, जिससे आने-जाने वालों को दिक्कत हुई। यहीं से उपभोक्ताओं को भी लौटाया गया कि दो दिनों तक कोई काम नहीं होगा।
भारी राजस्व का नुकसान
संयुक्त संघर्ष समित के कार्य बहिष्कार से सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ है। अलीगढ़ शहर और देहात मिलाकर कुल 3.50 करोड़ रुपये के करीब का नुकसान हुआ है।
आज भी रहेंगे हड़ताल पर
संयुक्त संघर्ष समिति मंगलवार को भी सुबह 10 बजे से कार्य बहिष्कार करेगी। जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक सभी कार्य बहिष्कार का समर्थन कर रहे हैं। ऐसे में लगातार दो दिनों से बिजली कर्मियों के कार्य से विरत रहने से पूरे जिले की विद्युत आपूर्ति लड़खड़ा सकती है।
उपभोक्ताओं को हुई दिक्कत
बिजली कर्मियों के कार्य बहिष्कार के चलते सोमवार को उपभोक्ताओं को काफी दिक्कत हुई। अतरौली से आए प्रदीप राजपूत ने बताया कि उन्हें ट्यूबवेल का बिल जमा करना था, हड़ताल के चलते वह जमा नहीं कर सकें। ऐसे कई उपभोक्ता अपनी तमाम समस्याओं को लेकर आए हुए थे, उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा।
गुल हुई बिजली
संयुक्त संघर्ष समिति के हड़ताल के दौरान शहर में कुछ इलाकों में बिजली गुल हुई। रावणटीला, रघुवीरपुरी, सासनीगेट, बेगमबाग आदि इलाकों में कुछ देर के लिए बिजली गायब रही, मगर थोड़ी देर बाद आ गई, जिससे उपभोक्ताओं को कोई खास दिक्कत नहीं आई।
संविदा कर्मियों ने किया किनारा
विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के कार्य बहिष्कार से संविदा कर्मचारियों ने पूरी तरह से किनारा कर लिया है। विद्युत संविदा संगठन के प्रांतीय कार्यवाहक अध्यक्ष प्रताप सिंह ने कहा कि सरकारी कर्मचारी और अधिकारी उनकी किसी मांग पर मदद नहीं करते हैं, जबकि उन्हें समस्या के लिए इन्हीं के पास जाना पड़ता है। ऐसे में वह कैसे इनका साथ दे सकते हैं। प्रताप सिंह ने कहा कि संविदा कर्मियों का ईपीएफ का एक हजार करोड़ रुपये का गबन का मामला चल रहा है। अकेले अलीगढ़ में 1.60 करोड़ रुपये ईपीएफ का गबन किया गया है। इस मामले में 2013 में रिपोर्ट भी दर्ज हो चुकी है, मगर अभी तक अधिकारियों और ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।