एएमयू कुलपति ने कहा, मेहनत का परिणाम है एनएएसी ‘ए’ ग्रेड

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) ने 3.24 सीजीपीए के साथ ‘ए’ ग्रेड दिया गया है। एएमयू केवल 0.02 अंक (0.5 प्रतिशत) से ए प्लस स्कोर करने चूक गई। यूनिवर्सिटी को दी गई एनएएसी ग्रेडिंग पांच साल के लिए वैध होगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:56 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:56 AM (IST)
एएमयू कुलपति ने कहा, मेहनत का परिणाम है एनएएसी ‘ए’ ग्रेड
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को एनएएसी) ने 3.24 सीजीपीए के साथ ‘ए’ ग्रेड दिया है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) ने 3.24 सीजीपीए के साथ ‘ए’ ग्रेड दिया गया है। एएमयू केवल 0.02 अंक (0.5 प्रतिशत) से ए प्लस स्कोर करने चूक गई। यूनिवर्सिटी को दी गई एनएएसी ग्रेडिंग पांच साल के लिए वैध होगी। जुलाई 2017 में एनएएसी द्वारा शुरू किए गए संशोधित प्रत्यायन एवं आंकलन फ्रेमवर्क के अनुसार मान्यता पर आधारित है। पिछले माह ही नैक की टीम एएमयू में चेकिंग के लिए आई थी।

मेहनत का है परिणाम

एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि एनएएसी ग्रेड ‘ए’, हमारे शिक्षकों एवं छात्रों कि कड़ी मेहनत का परिणाम है। एएमयू की शिक्षण एवं अनुसंधान में अग्रणी होने की निरंतर प्रतिबद्धता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ हम आगे बढ़ते रहेंगे। एएमयू कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में भी उत्कृष्टता प्राप्त करता रहा है। जो भारत में सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में इसकी प्रतिष्ठा को मजबूत बनाता है। कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों, शिक्षकों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों, पूर्व छात्रों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और आईक्यूएसी कोरख, तकनीकी टीम का बेहतर स्कोर करने और इस महान संस्था की रैंकिंग में लगातार सुधार में सहायता प्रदान करने के लिए आभार जताया है। आइक्यूएसी के निदेशक प्रो. असद उल्लाह खान ने कहा कि एएमयू ने पिछले चक्र ग्रेडिंग सिस्टम में पांच बिंदुओं वाले पैमाने की तुलना में सात अंकों के पैमाने पर 4 में से 3.24 (लगभग 81 प्रतिशत) स्कोर किया है। संपूर्ण नैक मूल्यांकन को दो भागों अर्थात मात्रात्मक मैट्रिक्स और गुणात्मक मैट्रिक्स में विभाजित किया गया था। जिसका नैक पीयर टीम द्वारा अलग-अलग मूल्यांकन किया गया था। हम केवल 0.02 अंक (0.5 प्रतिशत) से ए प्लस स्कोर प्राप्त करने से चूक गए। उन्होंने कहा कि एनएएसी ग्रेड और विश्वविद्यालय रैंकिंग कुलपति और उनके प्रशासन के प्रयासों के कारण संभव हुई है।

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