पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था के स्कूल का निर्माण कार्य AMU ने रोका Aligarh news

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था सर सैयद एजुकेशन फाउंडेशन के स्तर से सुल्तानजहां मंजिल की जमीन पर बनाए जा रहे स्कूल का निर्मा

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 04:46 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 04:46 PM (IST)
पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था के स्कूल का निर्माण कार्य AMU ने रोका Aligarh news
पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था के स्कूल का निर्माण कार्य AMU ने रोका Aligarh news

अलीगढ़ [ जेएनएन ] : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था सर सैयद एजुकेशन फाउंडेशन के स्तर से शमशाद मार्केट स्थित सुल्तानजहां मंजिल की जमीन पर बनाए जा रहे स्कूल का निर्माण इंतजामिया ने रुकवा दिया है। यूनिवर्सिटी को जानकारी दिए बगैर स्कूल का निर्माण चल रहा था। यूनिवर्सिटी कानूनी राय ले रही है कि क्या लीज पर दी गई जमीन पर स्कूल बनाया जा सकता है। 

दस दिन पहले मंजिल परिसर में स्कूल का निर्माण शुरू हुआ

भोपाल की नवाब बेगम सुल्तान जहां के नाम पर बनी सुल्तान जहां मंजिल को एएमयू ने 1937 में ऑल इंडिया मुस्लिम एजूकेशनल कॉन्फ्रेंस को लीज पर दी थी। कॉन्फ्रेंस के सदस्य तब से मंजिल की देखरेख कर रहे हैं। यहां उनका केंद्रीय कार्यालय है। दस दिन पहले मंजिल परिसर में स्कूल का निर्माण शुरू हुआ तो कॉन्फ्रेंस के ही सदस्य खुर्शीद अहमद का माथा ठनका।

उद्देश्य सर सैयद की तरह देशभर में शिक्षण संस्थाएं खोलना

जानकारी जुटाई तो पता चला कि स्कूल का निर्माण पूर्व कुलपति जमीरउद्दीन शाह की संस्था सर सैयद एजुकेशन फाउंडेशन करा रही है। एएमयू कुलपति रहते जमीर उद्दीन ने इस संस्था का गठन किया था। जिसका उद्देश्य सर सैयद की तरह देशभर में शिक्षण संस्थाएं खोलना था। जमीरउद्दीन शाह के सेवानिवृत्त होने पर कुलपति की कमान संभालने वाले प्रो. तारिक मंसूर ने स्पष्ट किया था कि यूनिवर्सिटी का संस्था से कोई ताल्लुक नहीं है। निजी संस्था के एएमयू की जमीन पर स्कूल खोलने की खुर्शीद अहमद ने कुलपति प्रो. मंसूर से शिकायत की। जिसके बाद निर्माण पर रोक लगा दी। 

सर सैयद अहमद खां ने 1886 में किया था गठन 

ऑल इंडिया एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस का गठन सर सैयद अहमद खां ने 1886 में किया था। 1906 में ढाका में हुए इसके 20वें सम्मेलन में मुस्लिम लीग का भी गठन हुआ। कॉन्फ्रेंस के पांच सदस्यों का चयन एएमयू कोर्ट के लिए होता है। वर्तमान में यूनिवर्सिटी के ट्रेजरार हकीम जिल्लुरहमान, असदयार खान भी सदस्य हैं। 

एग्रीमेंट में ऑफिस व आवास बनाने का जिक्र 

22 जून 1937 को कॉन्फ्रेंस की ओर से लीज को लेकर एएमयू को पत्र लिखा गया था। जिसके जवाब में रजिस्ट्रार ने लिखा था कि लीज पर दी गई जमीन पर कॉन्फ्रेंस का कार्यालय बन सकता है और आवास बना सकते हैं।कुलपति एएमयू प्रो. तारिक मंसूर, ने कहा सर सैयद एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से स्कूल का निर्माण कराया जा रहा था, जिसे रुकवा दिया गया है। विधिक राय ली जा रही है, क्या स्कूल बन सकता है। 

उद्देश्य स्कूल खोलकर बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना है

पूर्व कुलपति एएमयू जमीरउद्दीन शाह, बोले कॉन्फ्रेंस के सदस्यों से बात करके ही स्कूल बनवाया जा रहा था। एएमयू ने उसे रुकवा दिया है। मेरा उद्देश्य स्कूल खोलकर बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना है। अगर स्कूल नहीं चाहते है तो क्या कर सकते हैं? संस्था अभी तक मुजफ्फरनगर, सरधना समेत तीन जगह स्कूल खोल चुकी है।

कॉन्फ्रेंस चाहे तो स्कूल बनवा सकती है

ऑल इंडिया एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस एग्जीक्यूटिव मेंबर खुर्शीद अहमद,  ऑल इंडिया एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस को लीज पर मिली जमीन पर कोई निजी संस्था स्कूल का निर्माण नहीं करा सकती। कॉन्फ्रेंस चाहे तो स्कूल बनवा सकती है। भविष्य में इस पर विचार भी करेंगे। 

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