एआरडब्ल्यूयू रैंकिंग में एएमयू को मिला स्थान, प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालयों में शामिल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को एक और उपलब्धी मिली है। इसे एआरडब्ल्यूयू रैंकिंग में स्थान मिला है। शंघाई रैंकिंग के नाम से प्रसिद्ध एकेडमिक रैंकिंग आफ वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज़ (एआरडब्ल्यूयू) ने विश्व भर के उच्च शिक्षण संस्थानों की अपनी नवीनतम 2021 रैंकिंग जारी की है। इससे यूएमयू प्रशासन में खुशी है।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Tue, 17 Aug 2021 06:31 PM (IST) Updated:Tue, 17 Aug 2021 06:31 PM (IST)
एआरडब्ल्यूयू रैंकिंग में एएमयू को मिला स्थान, प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालयों में शामिल
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को एआरडब्ल्यूयू रैंकिंग में स्थान मिला है।

जेएनएन, अलीगढ़ : शंघाई रैंकिंग के नाम से प्रसिद्ध एकेडमिक रैंकिंग आफ वर्ल्ड यूनिवर्सिटीज़ (एआरडब्ल्यूयू) ने विश्व भर के उच्च शिक्षण संस्थानों की अपनी नवीनतम 2021 रैंकिंग में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को भारत के शीर्ष विश्वविद्यालयों में स्थान प्रदान किया है। एक हज़ार उच्च शिक्षण संस्थानों की एआरडब्ल्यूयू रैंकिंग में केवल 14 भारतीय संस्थान शामिल हैं, जिनमें छह विश्वविद्यालय और आठ विशेष पाठ्यक्रम के उच्च शिक्षण संस्थान शामिल हैं।

दूसरी बार मिला है स्थान 

2003 में शंघाई रैंकिंग की शुरुआत के बाद से यह दूसरी बार है जब एएमयू को इस रैंकिंग में स्थान दिया गया है। इस वर्ष केवल 14 भारतीय विश्वविद्यालयों ने इस सूची में जगह बनाई है और चार भारतीय शिक्षण संस्थानों जैसे अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की और भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थानों को संयुक्त रूप से 11-14 के पायदान पर रखा गया है।

विकास के लिए ठोस प्रयास जरूरी 

कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने रैंकिंग पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड महामारी के कठिन समय में विश्वविद्यालय ने बेहतर प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के तेजी से विकास के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए और इसके लिए एएमयू समुदाय के सभी वर्गों को निश्चित रूप से सकारात्मक भूमिका निभानी होगी।

इस तरह होती है रैंकिंग 

प्रोफेसर एम सालिम बेग (अध्यक्ष, विश्वविद्यालय रैंकिंग समिति) ने कहा कि एआरडब्ल्यूयू के अंतर्गत नोबेल पुरस्कार विजेताओं, फील्ड मेडलिस्ट, अत्यधिक उद्धृत शोधकर्ताओं या नेचर या साइंस जर्नल्स में प्रकाशित शोध पत्रों की संख्या के आधार पर रैंकिंग की जाती है। इसके अलावा, विज्ञान उद्धरण सूचकांक-विस्तारित (एससीआईई) और सामाजिक विज्ञान उद्धरण सूचकांक (एसएससीआई) में संदर्भ के साथ अधिक लेख प्रकाशित करने वाले विश्वविद्यालयों को भी इस रैंकिंग में शामिल किया जाता है।

सर सैयद ने की थी स्थापना 

दिल्ली में जन्मे सर सैयद अहमद खां ने इस यूनिवर्सटिी का सपना साल 1875 में मदरसा तुल उलूम में सात छात्रों को साथ लेकर देखा था। अब ये मदरसा ऐसा विशाल वृक्ष बन गया है जिसकी शाखाएं यहां शिक्षा लेने वाले महापुरुषों से लदी हैं। एएमयू में 30 हजार से अधिक छात्र-छात्रएं हैं। 13 संकाय,111 विभाग और 350 से अधिक डिग्री-सर्टिफिकेट कोर्स चल रहे हैं। मल्लापुरम (केरल), किशनगंज (बिहार) और मुर्शीदाबाद में स्टडी सेंटर चल रहे हैं।

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