एएमयू के प्रो-चांसलर नवाब इब्ने सईद छतारी का निधन Aligarh News
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर नवाब इब्ने सईद आफ छतारी का मंगलवार को निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। कुछ दिन पहले वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। बाद में रिपोर्ट निगेटिव भी आ गई थी।
अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रो-चांसलर नवाब इब्ने सईद आफ छतारी का मंगलवार को निधन हो गया। वह 98 वर्ष के थे। कुछ दिन पहले वह कोरोना संक्रमित पाए गए थे। बाद में रिपोर्ट निगेटिव भी आ गई थी। पार्थिव शरीर बुधवार को छतारी (बुलंदशहर) में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।
यह है प्रो-चांसलर नवाब इब्ने सईद छतारी का परिचय
अलीगढ़ में मैरिस रोड निवासी प्रो-नवाब इब्ने सईद छतारी एएमयू के सबसे पुराने पूर्व छात्र होने के साथ यूनिवर्सिटी कोर्ट , एग्जीक्यूटिव काउंसिल समेत कई बाडी के सदस्य थे। ट्रेजरार के अलावा वह ओल्ड ब्वायज एसोसिएशन के सचिव भी रहे। नवाब इब्ने सईद के परिवार का ताल्लुक छतारी से है। उनके पिता नवाब अहमद सईद खान छतारी आजादी से पहले हैदराबाद के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के राजयपाल रहे। उन्होंने मोहम्मडन एंग्लो कालेज (अब एएमयू) में पढ़ाई की थी। यूनिवर्सिटी की स्थापना में उन्होंने सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने यूनिवर्सिटी में टेनिस कोर्ट का निर्माण कराया है। जो उनके ही नाम पर है। एएमयू इतिहास के जानकार डा. राहत अबरार के अनुसार नवाब इब्ने सईद के दादा नवाब लुत्फ अली खान उर्फ छतारी 1877 में मोहम्मडन एंग्लो कालेज की स्थापना के समय स्वागत समिति के सचिव थे। अध्यक्ष की जिम्मेदारी पंडावल के राजा बकार अली खान ने संभाली थी। वायसराय लार्ड लिटिन ने जब कालेज की स्थापना के समय टाइम कैपसूल जमीन में संरक्षित किया तब नवाब लुत्फ अली खान ने सोने, चांदी व तांबे के सिक्के बोतल में रखकर उन्हें दिए थे। इन सिक्कों को भी जमीन में संरिक्षत किया गया था। डा. राहत अबरार ने बताया कि नवाब इब्ने सईद छतारी ने अपने घर में व्यक्तिगत संग्रहालय बनाया था। जिमसें आजादी से लेकर अब तक की बहुत से यादें संजोई हैं। एमएलसी मानवेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व एमएलसी विवेक बंसली व कांग्रेस नेत्री रूही जुबैरी ने उनके निधन पर शोक जताया है।
एएमयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने नवाब इब्ने सईद छतारी के निधन पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने कहा है नवाब साहब यूनिवर्सिटी के लिए हमेशा फिक्रमंद रहते थे। उनकी सलाह यूनिवर्सिटी के हित में ही होती थीं। उन्होंने यूनिवर्सिटी के सेवा के लिए लंबा समय दिया। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।