एएमयू ने तैयार किया प्लेटफार्म, सोलर पैनल पर जमा नहीं होगी धूल

शोध को कराया गया है पेटेंट आफिस कामनवेल्थ आफ आस्ट्रेलिया से पेटेंट।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:05 PM (IST)
एएमयू ने तैयार किया प्लेटफार्म, सोलर पैनल पर जमा नहीं होगी धूल
एएमयू ने तैयार किया प्लेटफार्म, सोलर पैनल पर जमा नहीं होगी धूल

जासं, अलीगढ़ : एएमयू के जाकिर हुसैन कालेज आफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलाजी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिग विभाग के डा. मोहम्मद तारिक ने 'एन आटोमेटेड क्लीनिग सिस्टम आफ द सोलर पीवी पैनल' व 'सन ट्रैकिग मैकेनिज्म विद एन इंटरनेट आफ थिग्स (आइओटी) बेस्ड आटोमेटेड मूवेबल प्लेटफार्म' तैयार किया है। जो सोलर पैनल पर गंदगी को हटाने में सफल होगा। इस शोध को हाल ही में पेटेंट आफिस, कामनवेल्थ आफ आस्ट्रेलिया से पेटेंट कराया गया है।

डा. तारिक ने कहा कि सोलर पीवी पैनल की स्वचालित सफाई प्रणाली उन स्थानों के लिए डि•ाइन की गई है, जहां चारों ओर धुंध, धूल, गंदगी व रेत उड़ता है। यह प्रणाली सोलर पैनल पर सभी प्रकार की गंदगी को हटाने में कारगर है। जिससे अधिक कुशल और विश्वसनीय आउटपुट भी प्राप्त होता है। आइओटी आधारित आटोमेटेड मूवेबल प्लेटफार्म के साथ सन ट्रैकिग मैकेनिज्म न केवल ऊर्जा कैप्चर की क्षमता को बढ़ाता है, बल्कि अधिकतम बिजली उत्पादन के लिए आइओटी-आधारित स्वचालित मूवेबल प्लेटफार्म के साथ समग्र बिजली उत्पादन प्रक्रिया की दक्षता को भी बढ़ावा देता है। इस आविष्कार का उद्देश्य जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना और विद्युत शक्ति के उत्पादन के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देना है। इस आविष्कार से सोलर पैनल की सफाई के लिए अतिरिक्त जनशक्ति या रोबोट सिस्टम के उपयोग को कम करके सौर पीवी पैनल की स्वचालित सफाई प्रणाली से परिचालन लागत में भी कमी आएगी। डा. तारिक ने कहा कि यह आविष्कार लचीले और कुशल सोलर पीवी सिस्टम को सपोर्ट करने में सहायक होगा। अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों के विकास व उनको अपनाने की संभावना को बढ़ाएगा। डा. तारिक ने अपनी छात्रा अलीना ना•ा और रिसर्च इंटर्न प्रोग्रामर मोहम्मद आ•ाम के साथ मिलकर इसे तैयार किया है। डा. तारिक, न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय, कैनबरा के साथ दो अंतर-विश्वविद्यालय सहयोगी अनुसंधान परियोजनाओं में प्रमुख अन्वेषक भी हैं। जो यूएनएसडब्ल्यू, आस्ट्रेलिया के एक सहयोगात्मक अनुसंधान अनुदान योजना के तहत वित्त पोषित हैं।

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