Online alumni meet : एएमयू से पढ़े डा अशोक सेठ ने कहा- दिल का डाक्टर हूं, दिल से बोलता हूं Aligarh news
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र व फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन प्रो. अशोक सेठ ने कहा कि एएमयू ने मुझे मोहब्बत शोहरत और दौलत से नवाजा है। यूनिवर्सिटी जब रैंकिंग में ऊंचाई छूती है तो मजा आ जाता है। मैं दिल का डाक्टर हूं दिल से बोलता हूं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता । अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र व फोर्टिस एस्कार्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन प्रो. अशोक सेठ ने कहा कि एएमयू ने मुझे मोहब्बत, शोहरत और दौलत से नवाजा है। यूनिवर्सिटी जब रैंकिंग में ऊंचाई छूती है तो मजा आ जाता है। मैं दिल का डाक्टर हूं, दिल से बोलता हूं। जिंदगी में ऐसे लम्हे भी आते हैं जब दिल जज्बाती हो जाता है। मेरे लिए आज ऐसा ही दिन है। एएमयू छात्रों का आपस में और मातृत्व संस्था से जो लगाव और जुड़ाव होता है वह विश्व की किसी भी शिक्षण संस्थाओं में नहीं पाया जाता।
एएमयू देश में टाप फाइव में रहती है ये अच्छी बात है
एएमयू सोमवार को आयोजित आनलाइन एल्युमिनाई मीट में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डा. अशोक सेठ ने कहा कि अच्छी बात है कि एएमयू देश में टाप फाइव में रहती है। जब तीसरे नंबर पर आती है तो और अच्छा लगता है। पुरानी यादों को ताजा करते हुए डा. सेठ ने कहा कि 12वीं करने के बाद मुझे तीन साल एमबीबीएस में प्रवेश पाने में लग गए। मेडिकल की परीक्षा में एक साल ऐसा भी आया जिसे मैंने पांच साल पहले स्कूल में निबंध में लिखा था। कहा, एएमयू ने केवल मेरी पत्नी ही नहीं बल्कि ससुरा और साले, साली समेत कई अन्य रिश्तेदारों को भी अलीग होने का गर्व है। कहा कि हमें सर सैयद के पद चिन्हों पर चलते हुए सोचना चाहिए हम देश और एएमयू के लिए क्या कर सकते हैं? कहा आज मैं इस लिए भी खुश हूं कि मैंने शेरवानी निकाली है। कहा जब हम तस्वीर महल पर मेंहदी हसन से शेरवानी सिलवाने जाते थे तो वे एक बार नाप लेते थे। कहते थे मैं नाप एक ही बार लेता हूं। ट्रायल नहीं लेता। आपको ठीक आएगी। डा. सेठ ने कहा कि पूर्व छात्रों की जिम्मेदारी है कि वह एएमयू के लिए कुछ करें। यूनिवर्सिटी में शोध पर काम होना बहुत जरूरी है। उन्होंने एएमयू का तराना भी गुनगुनाया।
कश्मीर यूनिवर्सिटी के कुलपति ने साझा किए अनुभव
मानद अतिथि के रूप में शामिल हुए कश्मीर यूनिवर्सिटी के कुलपति व एएमयू के पूर्व छात्र प्रो. तलत अहमद ने कहा कि पहले सीनियर छात्र जूनियर का इंट्रोडेक्शन लेते थे। जिसे अब रैकिंग कहते हैं। वो बड़ी महत्वपूर्ण चीज हुआ करती थी। इससे जूनियर छात्रों की हिचक खत्म होती थी। सर सैयद ने अलीगढ़ को एजुकेशन का हब बनाया। एमएयू आज देश की टाप की यूनिवर्सिटी है। यहां शिक्षक व छात्रों को शोध के क्षेत्र में अधिक काम करना होगा। अमेरिका में रह रहे एएमयू के पूर्व छात्र फैसल नफीस ने कहा कि भारत में खेलों को खेलो इंडिया के तहत बढ़ाया दिया जा रहा है। एएमयू से भी अच्छे-अच्छे खिलाड़ी निकले हैं। ओलंपियन जफर इकबाल ने 1984 को ओलंपिक में भारत का झंडा उठाया। कार्यक्रम को जफर इकबाल, फिल्म निर्माता हुमा खलील व यूएसए से डा. शहीर खान ने भी संबोधित किया। एल्युमिनाई अफेयर्स कमेटी के चेयरमैन एमएम सूफियान बेग ने स्वागत भाषण दिया। जबकि संचालन डा. फायजा अब्बासी न संचालन व प्रो. मोहम्मद मुबीन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
पूर्व छात्र एएमयू के ब्रांड एंबेसडर : कुलपति
कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कोरोना काल में जान गंवाने वाले यूनिवर्सिटी के लोगाें को श्रद्धांजलि दी। कहा कि पूर्व छात्र एएमयू के ब्रांड एंबेसडर हैं। जिन्होंने यूनिवर्सिटी के उत्थान के लिए अहम सक्रिय भूमिका निभाई है। कहा डा. अशोक सेठ ने जेएन मेडिकल कालेज में कैथ लैब स्थापित कराने में अहम भूमिका निभाई। दो स्मार्ट क्लास रूम में भी बनाए। कहा हमें एएमयू एल्युमिनाई नेटवर्क को और मजबूत बनाना है।