अमृत योजना : 887 गांवों में घर-घर पहुंचेगा स्वच्छ जल

जनपद के 887 गांवों में स्वच्छ जल पहुंचाने की कार्ययोजना बन रही है। हर गांव में ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे जिनके जरिए करीब 35 लाख की आबादी को पानी उपलब्ध होगा। नई पाइप लाइन बिछाई जाएंगी पुरानी लाइन दुरुस्त होंगी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 04:35 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 04:35 PM (IST)
अमृत योजना : 887 गांवों में घर-घर पहुंचेगा स्वच्छ जल
जनपद के 887 गांवों में स्वच्छ जल पहुंचाने की कार्ययोजना बन रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। जनपद के 887 गांवों में स्वच्छ जल पहुंचाने की कार्ययोजना बन रही है। हर गांव में ओवरहेड टैंक बनाए जाएंगे, जिनके जरिए करीब 35 लाख की आबादी को पानी उपलब्ध होगा। नई पाइप लाइन बिछाई जाएंगी, पुरानी लाइन दुरुस्त होंगी। इस योजना से उन 200 गांवों को भी राहत मिलेगी, जो खारे पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। सुजला योजना के तहत ये सुविधाएं मिलेंगी। गांवों में सर्वे कर अभी और संभावनाएं जताई जा रही हैं। इधर, शहर में भी जल्द ही लोगों को फ्लोराइड मुक्त स्वच्छ पानी मिलेगा। 

यह है योजना

अमृत (अटल मिशन फार रेज्यूमेनेशन एंड अरबन ट्रांसफारमेशन) योजना से शहर में लोगों को दूषित पानी से मुक्ति दिलाने की योजना पर तीन साल पहले काम शुरू हुआ था, जो अब अंतिम दौर में है। सासनीगेट क्षेत्र में कालीदह पोखर के निकट 10 लाख लीटर की क्षमता के भूमिगत टैंक व 30 लाख लीटर की क्षमता वाले ओवरहेड टैंक का निर्माण पूरा हो चुका है। भुजपुरा में 35 लाख लीटर, मथुरा रोड स्थित एटूजेड प्लांट पर 15 लाख लीटर पानी की क्षमता वाला टैंक भी बनकर तैयार है। अन्य स्थानों पर भी ओवरहेड टैंक निर्माण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। निर्माण कार्य में चार कंपनियां लगी हुई हैं। जून तक नए ओवरहेड टैंकों से जल आपूर्ति शुरू होने की संभावना है। आेवरहेड टैंक की लागत तकरीबन तीन करोड़ बताई जा रही है। ओवरहेड टैंक के साथ क्लोडिंग वाटर टैंक भी बनाए गए हैं। इनके जरिए सप्लाई होने वाला पानी फ्लोराइड मुक्त होगा। पानी में फ्लोराइड की मात्रा होने से दांत गिरने के अलावा जोड़ों में दर्द व विकलांगता जैसी बीमारी हो सकती हैं। ट्यूबवेल के जरिए टैंक में पानी स्टोर किया जाएगा। टैंक के ऊपर बना पंप हाउस वाटर प्यूरीफायर सिस्टम से जुड़ा होगा। इसी से शुद्ध होकर पानी बूस्टर के जरिए ओवरहेड टैंक में पहुंचेगा। तब सप्लाई की जाएगी। आरओ सिस्टम की तरह पानी वेस्ट नहीं जाएगा। पूरा पानी केमिकल के जरिए शुद्ध होगा। शहर में 20 हजार नए कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

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