मांगें न मानने पर हड़ताल पर गए एंबुलेंस कर्मचारी, स्वास्थ्य सेवाएं बाधित Hathras news
एएलएस एंबुलेंस पर तैनात कर्मचारियों की मोग है कि कंपनी बदलने पर उन्हें न बदला जाए। कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए। कोरोना महामारी के दौरान मारे गए कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता राशि के दी जानी चाहिए।
हाथरस, जेएनएन। जिले मे संचालित एंबुलेंस संचालकों के द्वारा अपनी मां जीवनदायनी स्वास्थ्य विभाग 108, 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ द्वारा एएलएस एंबुलेंस के कर्मचारियों का समायोजन किए जाने की मांग की जा रही है। आरोप लगाया जा रहा है कि एएलएस के कर्मचारियों को कंपनी बदलने पर हटाया जा रहा है, जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। तीन दिन प्रदर्शन करने के बाद सोमवार से एंबुलेंस कर्मचारियों ने हड़ताल कर दी।
कंपनी बदलने पर उन्हें न बदला जाय
एएलएस एंबुलेंस पर तैनात कर्मचारियों की मांग है कि कंपनी बदलने पर उन्हें न बदला जाए। कोरोना महामारी के दौरान अग्रणी भूमिका निभा रहे कर्मचारियों को ठेकेदारी से मुक्ति दी जाए। कोरोना महामारी के दौरान मारे गए कर्मचारियों के परिवार को आर्थिक सहायता राशि के दी जानी चाहिए। सभी एंबुलेंस कर्मचारियों को नेशनल हेल्थ मिशन के अधीन नहीं किया जाता हे। तब तक प्रतिवर्ष मंहगाई भत्ता भी दिया जाए। इसके लिए तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन जिला अस्पताल पर एंबुलेंस कर्मचारियों ने किया था। सोमवार से सभी एंबुलेंस खड़ी करकर हड़ताल किए जाने की चेतावनी दी थी। सोमवार की सुबह से ही जिला अस्पताल परिसर में एंबुलेंस आकर खड़ी हो गई। कर्मचारियों का कहना था कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर हड़ताल की जा रही है।
मरीजों को झेलनी पड़ी दिक्कतें
एंबुलेंस कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मरीजों को एंबुलेंस सेवा न मिल पाने पर प्राइवेट एंबुलेंस के जरिए ले जाया गया। यदि समय रहते कर्मचारियों की मांगे नहीं मानी गई तो दिक्कतें आगे बढ़ सकती हैं।