मरीजों के लिए भगवान बन गए एंबुलेंस कर्मी, जानें-पूरा मामला Aligarh News

102 व 108 सेवा एंबुलेंस के कर्मचारी गर्भवती महिलाअों व अन्य गंभीर मरीजों को अस्पताल लाने-लेजाने की जिम्मेदारी तो बखूबी उठा ही रहे हैं कई मौकों पर यही कर्मचारी उनके लिए खुद भगवान बन गए। ऐसे तमाम मामले फिर सामने आए हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:38 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:38 PM (IST)
मरीजों के लिए भगवान बन गए एंबुलेंस कर्मी, जानें-पूरा मामला Aligarh News
कर्मचारी उनके लिए खुद भगवान बन गए। ऐसे तमाम मामले फिर सामने आए हैं,

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। 102 व 108 सेवा एंबुलेंस के कर्मचारी गर्भवती महिलाअों व अन्य गंभीर मरीजों को अस्पताल लाने-लेजाने की जिम्मेदारी तो बखूबी उठा ही रहे हैं, कई मौकों पर यही कर्मचारी उनके लिए खुद भगवान बन गए। ऐसे तमाम मामले फिर सामने आए हैं, जिनमें एंबुलेंस कर्मियों ने आपातकालीन स्थिति में वाहन के अंदर ही प्रसूताअों की डिलीवरी कराकर उनकी जान बचाई। अन्य मरीजों की भी तरह-तरह से मदद की।

बचाई नवजात की जान

ब्लाक इगलास में रहने वाले मनोज कुमार की पत्नी कमलेश का प्रसव रविवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इगलास में हुआ । प्रसव पश्चात नवजात शिशु की हालत बिगड़ती देख प्रभारी चिकित्साधिकारी के निर्देशानुसार बच्चे को 108 एंबुलेंस सेवा द्वारा महिला चिकित्सालय के (एसएनसीयू) में रेफर कर दिया गया। वहां पर भी बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए 20 से 25 मिनट के बाद एंबुलेंस के प्रभारी ने 108 एंबुलेंस द्वारा जेएन मेडिकल कालेज रेफर कर दिया । जिला प्रोग्राम मैनेजर अरशद खान ने बताया बच्चे को सांस लेने में सबसे ज्यादा दिक्कत थी। इसलिए रविवार शाम बच्चे को इलाज के लिए जेएन मेडिकल कालेज में स्वास्थ विभाग के सहयोग से रेफर किया गया। अब बच्चे की स्थिति पहले से काफी ठीक है । इस दौरान एंबुलेंस कर्मियों की तत्परता से ही नवजात की जान बचाई जा सकी। बाइक सवार चाहूपुर निवासी भोला सिंह व कमलेश देवी का विगत दिनों अतरौली रामघाट रोड पर डिग्री कालेज के सामने बस से टकरा गए। इसमें कमलेश देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। मौजूद लोगों ने इसकी इसकी सूचना जैसे ही 108 एंबुलेंस सेवा को दी। 10 मिनट बाद ही एंबुलेंस आ गई। मरीज को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अतरौली पर भर्ती कराया गया। गंभीरता को देखते हुए तुरंत जिला अस्पताल रेफर कर दिया। एंबुलेंस सेवा के माध्यम से उन्हें तुरंत अलीगढ़ लाया गया। समय पर उपचार मिल जाने से उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। अस्पताल पहुंचने में 108 एंबुलेंस के इमरजेंसी मैनेजमेंट टेक्नीशियन धीरपाल सिंह व पायलट दानवीर ने सराहनीय काम किया

कोरोना काल में भी जिम्मेदारी निभाई

एंबुलेंस प्रभारी अरशद खान ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 108 की 33 एंबुलेंस, 102 की 43 व एएलएस 03 एंबुलेंस उपलब्ध है । इसकी सुविधा सरकार द्वारा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है । इसमें गर्भवती को सरकारी अस्पताल पर प्रसव कराने की जिम्मेदारी लाने व ले जाने की निश्शुल्क सुविधा भी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस कर्मी कोरोना काल में अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी के साथ काफी अच्छे से बखूबी निभाई है। एंबुलेंस कर्मी नवजात की जान बचाने के लिए कमजोर वर्ग के परिवार वालों की भरपूर मदद कर रहे हैं ।

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