सारे मानक पूरे, फिर भी अलीगढ़ को नहीं मिली 'राजधानी एक्‍सप्रेस, जानिए वजह

अलीगढ़ स्टेशन से ही दिल्ली-हावड़ा के सबसे बड़े रेलवे ट्रैक पर दिल्ली से लखनऊ के बीच सुपरफास्ट राजधानी एक्सप्रेस वर्षों से फर्राटा भर रही है। बिना ठहराव के ही राजधानी यहां के हजारों यात्रियों को मुंह चिढ़ाती हुई गुजर जा रही है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 03:11 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 03:11 PM (IST)
सारे मानक पूरे, फिर भी अलीगढ़ को नहीं मिली 'राजधानी एक्‍सप्रेस, जानिए वजह
बिना ठहराव के ही राजधानी यहां के हजारों यात्रियों को मुंह चिढ़ाती हुई गुजर जा रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। अलीगढ़ ताले एवं तालीम के लिए काफी प्रसिद्ध है। अलीगढ़ स्टेशन से ही दिल्ली-हावड़ा के सबसे बड़े रेलवे ट्रैक पर दिल्ली से लखनऊ के बीच सुपरफास्ट राजधानी एक्सप्रेस वर्षों से फर्राटा भर रही है। बिना ठहराव के ही राजधानी यहां के हजारों यात्रियों को मुंह चिढ़ाती हुई गुजर जा रही है। इस ट्रैक पर 110 से 130 किलोमीटर प्रति घंटा की वंदे भारत समेत तमाम ट्रेनें दौड़ रही हैं। स्टेशन पर तमाम ट्रेनों के ठहराव के बाद अलीगढ़ मंडल के नागरिक 'राजधानी एक्सप्रेस' के ठहराव की मांग करते चले आ रहे हैं, फिर भी उनकी इस उम्मींद को रेलवे पूरा नहीं कर पा रहा है। जबकि 'ए' श्रेणी में शुमार अलीगढ़ रेलवे स्टेशन राजधानी के ठहराव के सारे मानकों को पूरा करता है।

हर बार टूटती रहीं उम्मींद

रेल मुसाफिरों को रेलवे से काफी उम्मीदें हैं। ट्रेनों की स्पीड के अलावा नई ट्रेनों की संख्या पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं। कयास लगाया जा रहा है कि रेलवे कुछ नई ट्रेनों की भी सौगात दे सकता है। दैनिक यात्री व स्थानीय नागरिक अलीगढ़ में वंदे भारत, सुपरफास्ट राजधानी कानपुर- दिल्ली स्वर्ण शताब्दी, दूरंतो एक्सप्रेस के ठहराव के साथ ही अलीगढ़-गाजियाबाद के बीच इंटर सिटी के संचालन कराने की मांगें

करते रहे हैं, लेकिन रेलवे की उपेक्षा व स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उचित पैरवी न होने से किसी नई ट्रेन का अलीगढ़ में ठहराव नहीं हो सका है। हालांकि सांसद अलीगढ़ सतीश गौतम अब रेल मंत्रालय में स्टेशन पर कुछ नई ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर ठोस पैरवी करने में जुटे हैं।

दक्षिण भारत के लिए चले ट्रेन

अलीगढ़ के ताला उद्योग की दक्षिण भारत में पिछले कई सालों से चमक है। यहां से औसतन करीब 30 लाख रुपये का रोजाना कारोबार होता है। रेल मंत्रालय दिल्ली पूर्वोत्तर के लिए ट्रेनों की कनेक्टिविटी पर जोर दे रहा है। ऐसे में नई ट्रेनों के संचालन से व्यापारिक गतिविधियां बढ़ेंगी और अलीगढ़ को राजस्व का फायदा मिलेगा।

ईएमयू में बढ़ें कोच

यहां से दिल्ली व टूंडला तक चलने वाली ईएमयू पैसेंजर ट्रेनों में हर रोज औसतन दस हजार से भी अधिक दैनिक यात्री सफर करते हैं। मुसाफिरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, लेकिन ईएमयू पैसेंजर ट्रेनों में पांच साल पहले जितने कोच थे, उतने आज भी हैं। इन कोचों में शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं हो सकी है।

chat bot
आपका साथी