त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रहेगा अलीगढ़ का रेलवे स्टेशन, बढ़ेगी निगरानी, जानिए कैसे ? Aligarh news

अलीगढ़ रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था अब बदलेगी। सुरक्षा को हाईटेक बनाने के लिए उसे त्रिस्तरीय बनाया जाएगा। भारतीय रेलवे और सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल स्टेशन की सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने के साथ ही सुरक्षा के संसाधनों का उपयोग करेंगे।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 10:21 AM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 10:22 AM (IST)
त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरे में रहेगा अलीगढ़ का रेलवे स्टेशन, बढ़ेगी निगरानी, जानिए कैसे ? Aligarh news
अलीगढ़ रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था अब बदलेगी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अलीगढ़ रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था अब बदलेगी। सुरक्षा को हाईटेक बनाने के लिए उसे त्रिस्तरीय बनाया जाएगा। भारतीय रेलवे और सार्वजनिक उपक्रम रेलटेल स्टेशन की सुरक्षा के उपायों को मजबूत करने के साथ ही सुरक्षा के संसाधनों का उपयोग करेंगे। संयुक्त प्रयासों से प्रयागराज मंडल के अलीगढ़ समेत 47 स्टेशनों को वीएसएस (वीडियो बेस सर्विलांस) से जोड़ा गया है। इसके जरिए देश भर के 813 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर स्थापित किए गए आईपी आधारित सीसीटीवी कैमरों के जरिए यात्रियों खासकर महिलाओं व बच्चों की संरक्षा और सुरक्षा की जा सकेगी। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा ने बताया कि इस परियोजना में सभी श्रेणी के रेलवे स्टेशनों को शामिल किया गया है। सीसीटीवी कैमरों के जरिए प्लेटफार्म पर प्रीमियम ट्रेनों और उपनगरीय ईएमयू के कोचों को कवर किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था होगी मजबूत

सीसीटीवी कैमरों को आप्टिकल फाइबर केबल के जरिए सीधे कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है। सीसीटीवी कैमरों की वीडियो फीड न केवल स्थानीय आरपीएफ चौकियों पर बल्कि मंडल और जोनल स्तर पर एक केंद्रीयकृत सीसीटीवी नियंत्रण कक्ष में भी प्रदर्शित की जा रही है। रेलवे परिसरों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों और वीडियो फीड की निगरानी तीन स्तरों पर की जा रही है। कैमरे, सर्वर, यूपीएस और स्विचों की निगरानी के लिए नेटवर्क प्रबंधन प्रणाली एनएमएस भी उपलब्ध करायी गई है। जिसे अधिकृत कार्मिक किसी भी वेब ब्राउजर से देखा जा सकता है।

हाईटेक कैमरों से लैस किया गया है स्टेशन

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा ने बताया कि रेलवे परिसर के अंदर अधिकतम कवरेज सुनिश्चित करने के लिए चार प्रकार के आईपी कैमरे डोम टाइप, बुलेट टाइप, पैन टिल्ट जूम टाइप और अल्ट्रा एचडी स्थापित किए गए हैं। इससे सुरक्षा में सुधार के लिए आरपीएफ अधिकारियों को अतिरिक्त सहयोग मिलेगा। सीसीटीवी कैमरों से प्राप्त होने वाली वीडियो फीड की 30 दिन तक रिकार्डिंग को सुरक्षित रखा जा सकेगा। ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कर्मी स्टेशनों से लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं और किसी विशेष कैमरे से दृश्य को बड़ा भी कर सकते हैं। ज़ोनल मानिटरिंग सेंटर से कैमरों को जूम या टिल्ट भी किया जा सकता है।

chat bot
आपका साथी