10 साल पहले पांच हत्याओं से दहल गया था अलीगढ़,जानिए क्‍या था मामला

करीब 10 साल पहले खैर में एक साथ पांच हत्याओं से पूरा जिला दहल गया था। उस समय की यह सबसे बड़ी घटना थी। कई दिनों तक पुलिस प्रशासन के अफसरों ने गांव में डेरा रखा था। इस मामले में पहले अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ था।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:23 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:23 AM (IST)
10 साल पहले पांच हत्याओं से दहल गया था अलीगढ़,जानिए क्‍या था मामला
संपत्ति हड़पने की खातिर अपने साथियों के साथ यह योजना बनाई थी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। करीब 10 साल पहले खैर में एक साथ पांच हत्याओं से पूरा जिला दहल गया था। उस समय की यह सबसे बड़ी घटना थी। कई दिनों तक पुलिस प्रशासन के अफसरों ने गांव में डेरा रखा था। इस मामले में पहले अज्ञात में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस की विवेचना में चार लोगों के नाम सामने आए थे। इसमें केदार के रिश्ते के भाई चंद्रवीर ने उधार के रुपयों व संपत्ति हड़पने की खातिर अपने साथियों के साथ यह योजना बनाई थी।

यह था मामला

चंद्रवीर गांव घूमरा का रहने वाला है और केदार के परिवार का भाई है। चंद्रवीर के पिता विजय सिंह काफी समय पहले घूमरा से इगलास के फतेहपुर में बस गए थे। इधर, केदार के कोई भाई नहीं है। वह अपनी पैतृक गांव की संपत्ति बेचकर खैर की ब्लाक में आकर रहने लगा था। यहीं अपने बच्चों को पढ़ा रहा था। एडीजीसी ने बताया कि केदार के चंद्रवीर पर दो लाख रुपये उधार थे। जब केदार ने रुपये वापस मांगे तो वह आनाकानी कर रहा था। तभी से वह केदार से खुन्नस मानने लगा। इसी के तहत चंद्रवीर ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई। खुद ही वह केदार को बुलाकर ले गया था। उसे मारकर आगरा में शव फेंक दिया। इसके बाद फर्जी कागजों के आधार पर संपत्ति हड़पने की नीयत से केदार की पत्नी, दोनों बच्चों व पिता को मार डाला था। एक आरोपित नाबालिग था, जिसकी पत्रावली अलग कर दी गई थीं।

केदार पर गया था पहला शक

18 अगस्त को जब घर में चार शव मिले थे तो पुलिस के भी होश फाख्ता हो गए थे। केदार के लापता होने पर पूरा शक उसी पर जा रहा था। लेकिन, तीन दिन बाद जब उसका शव मिला तो पुलिस को लगा कि पांचों की हत्या की गई है। इसके बाद टीमों ने चंद्रवीर व उसके साथियों को गिरफ्तार किया था।

सजायाफ्ता हैं दो लोग

दोषी करार दिए गए चंद्रवीर व रोहित इगलास के एक अन्य अपहरण व हत्याकांड में भी सजायाफ्ता हैं। इसलिए दोनों जेल में थे। इधर, राजीव जमानत पर बाहर चल रहा था।

किशन के खिलाफ नोटिस

किशन ने एक मुल्जिम के खिलाफ हल्की गवाही दी थी। इसे लेकर अदालत ने किशन सिंह के खिलाफ भी नोटिस जारी करने के आदेश दिए हैं।

हमारी ओर से दोषियों को फांसी की मांग की गई थी। लेकिन, न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। निर्णय का अध्ययन करके हाईकोर्ट में अपील का आधार देखा जाएगा।

- अमर सिंह तोमर, एडीजीसी

प्रभावी पेरवी के कारण सत्र न्यायालय में अपराधियों को निरंतर सजाएं हो रही हैं। इसी के चलते सितंबर 2021 में प्रदेश में सजा कराने में अलीगढ़ अव्वल रहा है। खैर में पांच लोगों की हत्या में तीनों दोषियों को सजा दिलाई गई है।- धीरेंद्र सिंह तोमर, डीजीसी

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