अलीगढ़ के टप्पल इलाके 20 दिनों में 80 पशुओं की मौत, 120 बीमार, ग्रामीण भयभीत

जट्टारी के पास टप्पल विकासखंड के गांव हामिदपुर में पिछले 20 दिनों में 80 पशुओं की मौत हो चुकी है। जो कि लगभग 120 पशुओं का इलाज चल रहा है। खुरपका मुंहपका बुखार व ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण पशु दम तोड़ रहे हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 05:19 PM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 05:19 PM (IST)
अलीगढ़ के टप्पल इलाके 20 दिनों में 80 पशुओं की मौत, 120 बीमार, ग्रामीण भयभीत
मुंहपका बुखार व ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण पशु दम तोड़ रहे हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जट्टारी के पास टप्पल विकासखंड के गांव हामिदपुर में पिछले 20 दिनों में 80 पशुओं की मौत हो चुकी है। जो कि लगभग 120 पशुओं का इलाज चल रहा है। खुरपका, मुंहपका बुखार व ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण पशु दम तोड़ रहे हैं। लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

ऐसे मरे पशु

ग्रामीण जीतेन्द्र सिंह ने बताया कि पिछले दिनों मेरी एक भैंस ने खुरपका में आने से दम तोड़ दिया था। अन्य पशुओं के उपचार के लिए चिकित्‍सकों से संपर्क किया तो तो उन्होंने अनदेखा कर दिया। परेशान होकर शिकायत स्वास्थ्य विभाग लखनऊ को भेजी। शिकायत पर आई स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव में खुरपका मुँहपका के इंजेक्शन लगाए गये। रामपाल प्रजापति के 9 दिन पशु बीमार पड़ने के बाद 10 सितंबर को 3 पशु व 13 सितंबर को 1 पशु के साथ 4 पशुओं ने दम तोड़ दिया। रामपाल प्रजापति का रो रोकर बुरा हाल था। साथ ही आरोप लगाया कि सरकारी स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी व झोला छाप डॉक्टरों द्वारा लापरवाही करने के कारण पशुओं की मौत हुई है। वर्तमान में हर घर में एक दो पशु बीमार पड़ा है लोग मरने के डर से दूध देते पशुओं को बेचने को मजबूर हैं।

मृत पशुओं को ले जाने के लिए एक हजार प्रति मृत पशु मांगे

ग्रामीणों के अनुसार पशु मरने की संख्या ज्यादा होने के कारण मवेशियों को ले जाने के लिए कोई तैयार नहीं था। जब जेवर से नगर निगम वालों यह संपर्क किया। तो उन्होंने एक मृत पशु को ले जाने का एक हजार रुपया किराया लिया। जिनके पास धन की कमी थी ।उन्होंने मृत पशुओं को गांव के समीप सड़क किनारे डाल दिए। जिससे उठती दुर्गंध ने राहगीरों का निकलना दूभर कर दिया है। साथ ही वातावरण भी दूषित हो रहा है।

ग्रामीणों ने व्रत रख पशुओं के स्वस्थ होने का मांगा वरदान

ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिन पूरा गांव भूखा रहकर व साथ ही विधवत रूप से देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर गांव में देर रात में ग्रामीणों द्वारा तंत निकालने से कुछ बीमारी में सुधार देखने को मिला । खुरपका मुँहपका के इंजेक्शन लगते ही स्वस्थ पशुओं ने भी तोड़ दिया दम । मुकेश पुत्र जीवनलाल की स्वस्थ भैंस के खुरपका मुँहपका के इंजेक्शन लगने के आधा घंटे बाद ही दम तोड़ दिया ऐसे ही इनके साथ 3 लोगों के पशुओं ने दम इंजेक्शन के बाद करीब 4 पशुओं की मौत हो गई।ज्ञानेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों द्वारा दिए गए खुरपका मुँहपका के इंजेक्शन से स्वस्थ्य पशुओं की भी मौत हुई। एक दिन पहुंची स्वास्थ्य विभाग टीम ने दोबारा फिर सुधि नहीं ली। किस व्यक्ति के कितने पशु मरे रामपाल प्रजापति के 4 पशु करनपाल 3 पशु भूरा सिंह 2 पशु गुलवीर सिंह 2 पशु सुबोध अनिल लल्लू रोदास सौरभ प्रमोद गोपाल जितेंद्र मुकेश विनोद मुनेश की 1-1 भैंस खत्म होने के साथ गांव के अन्य लोगों के पशु खत्म हो गए जिसके कारण गांव के हर घर में निराशा छायी हुई है।ग्रामीणों ने सीधा आरोप झोला छाप डॉक्टरों की लापरवाही के साथ सरकारी स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी होने के कारण पशुओं के मरने का कारण बताया। सुधीर त्यागी पशु चिकित्स टप्पल ने बताया कि यह मौसम पशुओं के बीच बीमारी फैलने का है।हामिदपुर में पशुओं के बीच खुरपका मुंहपका की बीमारी के साथ अन्य बीमारी भी मिली है साथ ही सैंपल लेकर लैब के लिए भेज दिए गए हैं। वहीं मुख्य पशु चिकित्सक के गांव में भ्रमण करने के बाद टीकाकरण करा दिया गया है। करीब 14 छोटे पशुओं की मौत की खबर है ।

chat bot
आपका साथी