एटीएस के Clue पर अलीगढ़ पुलिस जागी, रोहिग्‍या का नेटवर्क तलाशने में जुटी, कौन हैं सड़क किनारे सोने वाले लोग

अलीगढ़ से दो रोहिंग्‍या के पकड़े जाने के बाद स्‍थानीय पुलिस जाग गई है। पुलिस ने रोहिंग्‍या को तलाशने में जुअ गई है। अलीगढ़ शहर की सड़कों के किनारे व कुछ मुस्‍लिम इलाकों में रहने वाले इन बाहरी लोगों पर पुलिस की कभी निगाह नहीं पड़ी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 09:53 AM (IST)
एटीएस के Clue पर अलीगढ़ पुलिस जागी, रोहिग्‍या का नेटवर्क तलाशने में जुटी, कौन हैं सड़क किनारे सोने वाले लोग
इन बाहरी लोगों पर पुलिस की कभी निगाह नहीं पड़ी।

अलीगढ़, जेएनएन। लखनऊ एटीएस द्वारा अलीगढ़ से दो रोहिंग्‍या के पकड़े जाने के बाद  स्‍थानीय पुलिस जाग गई है। पुलिस ने रोहिंग्‍या को तलाशने में जुअ गई है। अहम बात यह है कि अलीगढ़ शहर की सड़कों के किनारे व कुछ मुस्‍लिम इलाकों में रहने वाले इन बाहरी लोगों पर पुलिस की कभी निगाह नहीं पड़ी। ये लोग कौन हैं और कहां से आए हैं, पुलिस ने जानने तक की कोशिश की नहीं की।

पहले मांगते हैं भीख, फिर करते हैं ये सब

जम्मू-कश्मीर में जिस तरह से रोहिंग्या को बसाया गया, उसे देश के तमाम शहरों में खलबली है। चर्चाएं तेज हैं कि ये रोहिंग्या देश में कहां-कहां छिपे हुए हैं। प्रशासन जिले में कुल 300 रोहिंग्या के होने का दावा करता है। इनके नाम-पते और ठिकाने सब पता हैं। किन स्थानों पर रहते हैं यह पुलिस-प्रशासन को जानकारी है। मगर, शहर के तमाम इलाकों में आकर महिलाएं-पुरुष और बच्चे रहने लगते हैं, उनपर सवाल उठता है। शहर के भुजपुरा, मकदूम नगर में रात में सड़कों के किनारे लोग सोए रहते हैं, आखिर ये लोग कहां से आते हैं, इनके बारे में पता होना चाहिए। एकाएक आकर ये लोग कैसे रह रहे हैं। अशोक ने कहा कि यह सिर्फ फुटपाथ पर सोने तक ही नहीं है, बल्कि इनकी सुरक्षा का भी सवाल है। जिस प्रकार से यह सोते हैं रात में किसी भी वाहन की चपेट में ये आ सकते हैं। पुलिस-प्रशासन को चाहिए कि इनके बारे में सही-सही पता करे। कैसे शहर में ये एकाएक बढ़ जाते हैं इसके बारे में जानकारी की जाए। शहर में बाहर से आने वाले लोगों का कुछ प्रमुख स्थान है, वो चुपचाप आ जाते हैं और रहना शुरू कर देते हैं। अनूपशहर रोड पर पीडब्ल्यूडी कार्यालय से आगे, लाल डिग्गी, शमशाद मार्केट के निकट, नगला पटवावरी, भुजपुरा, क्वार्सी बाईपास आदि स्थानों पर बाहर से आने वाली महिलाएं-पुरुष और बच्चे देखे जा सकते हैं। वह पहले आकर फुटपाथ पर रहते हैं, फिर धीरे-धीरे भीख मांगने की शुरुआत करते हैं। कबाड़ आदि बीनने लगते हैं, इसके बाद वो यहां स्थायी रुप से रहने लगते हैं।

अहम सुराग मिले

लखनऊ में आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने अलीगढ़ में छिपकर रह रहे दो और रोहिंग्या को गिरफ्तार किया है। दोनों यहां फर्जी दस्तावेजों के जरिये अपनी पहचान बदलने की फिराक में थे। दोनों सोना तस्करी में भी संलिप्त हैं। उनके कब्जे से पीली धातु के छह बिस्किट भी बरामद हुए हैं। एटीएस ने मूलरूप से म्यामार के निवासी मु.रफीक और मु.आमीन को गुरुवार को अलीगढ़ के मकदूमनगर से गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से यूएनएचआरसी के कार्ड, एक मोबाइल फोन, पीली धातु के छह बिस्किट व 770 रुपये बरामद हुए हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों से शुरुआती पूछताछ में कई और रोहिंग्या के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं। इससे पूर्व सूबे में अब तक पहचान बदलकर रह रहे 11 रोहिंग्या गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

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