गांजा तस्करी करने वाले गिरोह के अन्य बदमाशों की अलीगढ़ पुलिस को तलाश
आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर यहां सप्लाई करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस जुट गई है। पकड़े गए तीन सदस्यों से पूछताछ में पता चला है कि सौ से एक हजार रुपये की पुड़ियां बनाकर गांजा बेचा जाता था।
अलीगढ़, जेएनएन। आंध्र प्रदेश से गांजा लाकर यहां सप्लाई करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में पुलिस जुट गई है। पकड़े गए तीन सदस्यों से पूछताछ में पता चला है कि सौ से एक हजार रुपये की पुड़ियां बनाकर गांजा बेचा जाता था। ऐसे में पुलिस उन लोगों को तलाश रही है कि जो गली-गली में गांजा बेचते थे।
मंगलवार रात क्यामपुर मोड़ पर चेकिंग के दौरान क्वार्सी पुलिस ने एक संदिग्ध आयशर कैंटर को रोका। पुलिस टीम को देखकर कैंटर सवारों ने उसे पीछे की तरफ मोड़ लिया। लेकिन, पुलिस ने पीछा करके कैंटर सवार तीन लोगों को पकड़ लिया। इनके नाम मडराक के गांव दौरला निवासी इमरान उर्फ बिन्नामी, भुजपुरा ठाकुर वाली गली निवासी ललेश उपाध्याय व अतरौली के गांव सदेआलमपुर निवासी अशोक कुमार शर्मा हैं। कैंटर की तलाशी ली तो आम की 22 पेटियों में गांजा छिपाकर ले जाया जा रहा था। हर पेटी में करीब साढ़े छह किलो वजन था। पुलिस ने कुल एक क्विंटल 39 किलो 500 ग्राम गांजा बरामद किया है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि गांजे को विशाखापटनम (आंध्र प्रदेश) से लाते थे।
पहले 10-20 किलो गांजा लाता था इमरान
गिरोह का मास्टरमाइंड इमरान है। दो साल से गांजा तस्करी में सक्रिय है। उसने बताया कि आंध्र प्रदेश से पहले बस व ट्रेन में 10-20 किलो गांजा रखकर लाता था। लेकिन, धीरे-धीरे सप्लाई का विस्तार बढ़ता गया। इस बार कैंटर में बड़े स्तर पर गांजा ला रहा था। इसमें तीनों का हिस्सा होता था। इमरान के खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज हैं। पिछले साल अप्रैल में इमरान मडराक थाने से जिला बदर भी हो चुका है। आरोपितों ने बताया कि अतरौली व सासनीगेट थाना क्षेत्र के इलाकों में गांजे की सप्लाई करते थे। यहां सौ से एक हजार रुपये की पुड़िया में गांजा बेचते थे। क्वार्सी इंस्पेक्टर छोटे लाल ने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जा रही है।