आनलाइन ठगी करने वाले साइबर हैकरों की तलाश रही अलीगढ़ पुलिस Aligarh news
अलीगढ़ जागरण संवाददाता। दिल्ली में ही बैठकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले चार साइबर शातिरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब इस गैंग से जुड़े शातिरों हैकरों की तलाश में जुट गई है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। दिल्ली में ही बैठकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले चार साइबर शातिरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब इस गैंग से जुड़े शातिरों हैकरों की तलाश में जुट गई है।
आनलाइन ठगी करने वाले साइबर हैकरों को तलाश रही पुलिस
दिल्ली में ही बैठकर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर आनलाइन ठगी करने वाले चार साइबर शातिरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब इस गैंग से जुड़े शातिरों हैकरों की तलाश में जुट गई है। साइबर शातिरों के गैंग का एनसीआर के जिलों में बड़ा नेटवर्क था। आरोपित निजी बैंकों के एजेंट से ग्राहकों का डेटा हासिल करते थे फिर अपनी ठगी का शिकार बनाते थे।
23 सिंतबर को कारोबारी ने दर्ज करायी थी रिपोर्ट
23 सितंबर को गांधीपार्क क्षेत्र के कारोबारी संजय गुप्ता ने थाना गांधीपार्क में अपने साथ आनलाइन ठगी होने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। संजय का आरोप था कि उनके पास बैंक के क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने को लेकर मोबाइल फोन पर एक काल आयी थी। शातिर ने उनकी बैंक संबंधी जानकारी लेकर खाते से 53 हजार रुपये उड़ा लिए। पीड़ित कारोबारी की शिकायत के आधार पर साइबर सेल ने जांच शुरू की तो पता चला कि खाते से गायब हुए रुपये मोबिविंक मर्चेंट एकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं। इसी एकाउंट से रुपये अमरोहा बिहारीपुर निवासी अनूप कुमार के एसबीआइ के खाते में ट्रांसफर हुए थे। पुलिस ने सबसे पहले अनूप को दबोचा उसके बाद सारे गैंग को पकड़ लिया।
एक साल से सक्रिय था शातिरों का गैंग
एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि साइबर अपराधियों के इस गैंग में अनूप के अलावा उसका भाई कुलदीप, दिल्ली के उत्तम नगर स्थित नरैला निवासी किशन कश्यप उर्फ करन व उसका भाई देवराज शामिल हैं। किशन कश्यप मुख्य सरगना है और वही गैंग को संचालित करता है। आरोपित ने बताया कि करीब एक साल से आनलाइन ठगी से जुड़ा हुआ है। पहले वह काल सेंटर चलाता था। पुलिस ने उसे पकड़ लिया था इसके बाद उसने काल सेंटर बंद कर दिया था और एक होटल के कमरे को लेकर वहीं से सेंटर चलाता था।
कमीशन पर होता था खातों से लेन-देन
एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत के अनुसार आरोपित किशन विभिन्न शहरों में फैले अपने एजेंटों से क्रेडिट कार्ड धारकों का ब्योरा हासिल करता था। गैंग में शामिल लड़कियों के जरिए कार्ड धारकों को फोन कराकर उन्हें लिमिट बढ़वाने को काल कराते थे। फिर जानकारी मिलते ही खाता हैक कर रकम पार कर लेते थे। फिर रकम को किराये पर लिए गए बैंक खातों में पहुंचाया जाता है। बैंक खाते के मालिक को ठगी की रकम से तय कमीशन दिया जाता था। खाता धारक रकम को एटीएम से निकालते थे फिर उसे किशन तक पहुंचाते थे। किराये पर खाते लेने के काम में देवराज व कुलदीप जुड़े हुए थे। इस काम में उपयोग में आने वाले मोबाइल के सिमकार्ड झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले मजदूरों की आइडी हासिल कर उनके नाम से लेता था। आरोपितों से 11 मोबाइल फोन, 47 सिम कार्ड, पांच एटीएम कार्ड 2290 रुपये नकद, दो रजिस्टर, दो क्रेडिट कार्ड के विवरण के पत्र बरामद हुए हैं। अभी गैंग से जुड़े फरार सदस्यों को तलाशा जा रहा है, जल्द पकड़ा जाएगा।