Aligarh Poisonous Liquor Case : बिसरा रिपोर्ट के इंतजार में उलझी 104 मौतों की गुत्थी

जहरीली शराब प्रकरण में 104 मौतों की गुत्थी अब बिसरा जांच रिपोर्ट में उलझी हुई है। प्रशासन ने सभी के बिसरा लेकर आगरा लैब में भेज दिए हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौतों का सही कारण क्या है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 08:39 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:39 AM (IST)
Aligarh Poisonous Liquor Case : बिसरा रिपोर्ट के इंतजार में उलझी 104 मौतों की गुत्थी
जहरीली शराब प्रकरण में 104 मौतों की गुत्थी अब बिसरा जांच रिपोर्ट में उलझी हुई है।

अलीगढ़, जेएनएन। जहरीली शराब प्रकरण में 104 मौतों की गुत्थी अब बिसरा जांच रिपोर्ट में उलझी हुई है। प्रशासन ने सभी के बिसरा लेकर आगरा लैब में भेज दिए हैं। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि मौतों का सही कारण क्या है। हालाकि, प्रशासन अब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही जहरीली शराब को इसका कारण मान रहा है। इसी कारण जिले के निवासी 64 मृतकों के स्वजन को पांच-पांच लाख का मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं, शराब माफिया के खिलाफ भी पुलिस की सख्ती जारी है। अब तक 23 मुकदमों के 76 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। 28 जून को इस प्रकरण को एक महीने पूरा हो जाएगा। प्रस्तुत है अब तक की पुलिस-प्रशासनिक कार्रवाई पर रिपेार्ट..

यह है मामला

जहरीली शराब पीने से जिले में 28 मई से मौतों का सिलसिला शुरू हुआ था। लोधा, जवां व खैर थाना क्षेत्र के कई गांव में पहले दिन एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हुईं। इसके बाद लगातार कई दिनों तक जिले के विभिन्न स्थानों पर लोगों की मौतें हो रही हैं। प्रशासन ने ठेकों पर शराब बिक्री को बंद कर दिया, लेकिन फिर भी मौतों का सिलसिला नहीं थमा। 104 लोगों के तो पोस्टमार्टम ही हुए। वहीं, कुछ लोग भी ऐसे भी थे, जिनका बिना पोस्टमार्टम कराए ही दाह संस्कार करा दिया। प्रशासन पीएम की रिपेार्ट के आधार पर जहरीली शराब से ही इन लोगों की मौत को कारण मानकर चल रहा है, हालांकि इस पर अंतिम मुहर बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही लग पाएगी। अगले 15 दिनों में बिसरा रिपोर्ट आने की संभावना है।

शराब के 40 से अधिक ठेके निलंबित

शराब प्रकरण के पर्दाफाश के बाद आबकारी विभाग जिले में अब तक 40 से अधिक शराब ठेकों को निलंबित कर चुके है। यह ठेका माफिया व उनके समूहों में शामिल लोगों के थे। अब इन ठेकों के संबंध में डीएम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यहां से ही इनके लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी।

120 करोड़ की संपत्ति चिन्हित

पुलिस-प्रशासन अब तक शराब माफिया की 120 करोड़ की संपत्ति का चिन्हांकन कर चुका है। 15 से अधिक खाते सीज कर दिए हैं। अब गैंगस्टर के तहत जल्द ही इनकी संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई होगी। इसके साथ ही पुलिस की चार्जशीट लगने के बाद ही असलाह निरस्तीकरण व एनएसए की कार्रवाई होगी।

मजिस्ट्रेट जांच में 50 से अधिक के बयान : डीएम ने इस पूरे प्रकरण की मजिस्ट्रेटी जांच एडीएम प्रशासन को सौंपी है। वह जांच पड़ताल में लगे हैं। अब तक 50 से अधिक लोगों के बयान हो चुकी हैं। इसमें पीड़ित व मृतकों के स्वजनों के साथ ही पुलिस, प्रशासन व आबकारी विभाग के अफसर शामिल हैं। अगले 10-15 दिन में इस रिपोर्ट पर अंतिम मुहर लग जाएगी।

अधिकांश माफिया की संपत्तियों का चिन्हांकन हो चुका है। पुलिस की चार्टशीट लगते ही इसे जब्त करने की कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी। मुख्यमंत्री किसान दुर्घटना बीमा योजना से जिले के निवासी 64 मृतकों के स्वजन को पांच-पांच लाख की मदद दी गई है। अन्य जिले के लोगों के लिए वहां के प्रशासन को मदद के लिए पत्र लिखा गया है। मौतों का सही कारण बिसरा रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

चंद्रभूषण सिंह, डीएम

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