अलीगढ़ के मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण, रिपोर्ट निगेटिव, चली गई जान

एसजेडी अस्पताल में हुई पांच लोगों की मौत के प्रकरण पर भले ही प्रशासन ने जांच बैठा दी हो लेकिन अपनों के जाने का गम किसी जांच या कार्रवाई से कम नहीं हो सकता।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 08:58 PM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 08:58 PM (IST)
अलीगढ़ के मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण, रिपोर्ट निगेटिव, चली गई जान
अलीगढ़ के मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण, रिपोर्ट निगेटिव, चली गई जान

जासं, अलीगढ़ : एसजेडी अस्पताल में हुई पांच लोगों की मौत के प्रकरण पर भले ही प्रशासन ने जांच बैठा दी हो, लेकिन अपनों के जाने का गम किसी जांच या कार्रवाई से कम नहीं हो सकता। प्रकरण पर जब मृतकों के स्वजन से दैनिक जागरण की टीम ने बात की तो उनका दर्द कुछ अलग ही सामने आया। किसी ने आक्सीजन की कमी से मौत होना बताया तो किसी ने अस्पताल में सिलिडर के ऊपर लगने वाला आक्सीजन फ्लो मीटर न होने की समस्या बताई। वो भी तीमारदारों से मंगाया गया। जिन मरीजों का आक्सीजन लेवल 80 से 90 दर्शा रहा था, उनके लिए भी अचानक आक्सीजन सिलिडर मंगाने के लिए फोन कर दिया गया। इन आरोपों में क्या सच्चाई है ये तो जांच के बाद ही पता चल सकेगा? अस्पताल प्रबंधन ने आरोपों से इन्कार किया है।

आक्सीजन लगती तो बच सकती थी जान : महेंद्र नगर के रहने वाले व्यक्ति की मृत्यु पर उनके भांजे विजय कुमार ने बताया कि मामा की पल्स रेट 95 से 100 थी। आक्सीजन लेवल 90 तक था। वरुण अस्पताल से लंग्स में इंफेक्शन की रिपोर्ट के आधार पर दीनदयाल अस्पताल भेजा गया। वहां पाजिटिव रिपोर्ट के बिना भर्ती करने से मना किया गया। रामघाट रोड स्थित एक अस्पताल ने आरटीपीसीआर जांच के नाम पर 1800 रुपये का बिल बनाया गया। चार से पांच घंटे में ही 20 से 25 हजार का बिल बना डाला। वरुण अस्पताल की कोरोना संक्रमण के लक्षण की रिपोर्ट के आधार पर एसजेडी में भर्ती कराया। एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आई थी। अभी तक आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं आ सकी है। कहा, मामाजी को सांस लेने में दिक्कत हुई अगर आक्सीजन लग जाती तो जान बच सकती थी।

अटेंडेंट का फोन आया सिलिडर लाएं : जयगंज निवासी महिला के भतीजे मनोज कुमार ने बताया कि 15 अप्रैल की शाम को भर्ती कराया था। रूसा अस्पताल में एक्स-रे कराया जिसमें कोविड संदिग्ध माना गया। सांस लेने में दिक्कत थी। ताईजी को 16 अप्रैल को एसजेडी में रिपोर्ट पाजिटिव आने पर भर्ती किया। पल्स रेट 85 से 90 के बीच थी। आक्सीजन लेवल 92 था। वेंटीलेटर पर भी नहीं थीं। आरोप है कि देर शाम अचानक अटेंडेंट का फोन आया कि सिलिडर लेकर आएं, मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। सिलिडर लेकर भी पहुंचे, मगर आक्सीजन फ्लो मीटर न होने से अस्पताल प्रशासन सिलिडर लगा नहीं सका। कहा कि अस्पताल प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि पांचों लोग वेंटीलेटर पर थे। इनसे पूछा जाना चाहिए कि क्या इनके पास पांच वेंटीलेटर हैं? सीसीटीवी फुटेज मंगा ली जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगी।

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