Aligarh Panchayat Chunav 2021: प्रधानी का चुनाव हारे, अब सदस्यों के लिए भरे रहे जोर

जिले में पहली बार ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त पदों के चुनाव में भी खींचतान चल रही है। जनप्रतिनिधि तक इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसके पीछे कारण है कि जो पक्ष प्रधान का चुनाव हार गया है वह ताकत लगा रहा है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 08:55 AM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 08:55 AM (IST)
Aligarh Panchayat Chunav 2021: प्रधानी का चुनाव हारे, अब सदस्यों के लिए भरे रहे जोर
जिले में पहली बार ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त पदों के चुनाव में भी खींचतान चल रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। जिले में पहली बार ग्राम पंचायत सदस्य के रिक्त पदों के चुनाव में भी खींचतान चल रही है। जनप्रतिनिधि तक इसमें दिलचस्पी ले रहे हैं। इसके पीछे कारण है कि जो पक्ष प्रधान का चुनाव हार गया है, वह अब अपने पक्ष के अधिक से अधिक सदस्य बनाने में ताकत लगा रहा है। वहीं, निर्वाचित प्रधान अपने पक्ष के सदस्य बनाना चाहे हैं। ऐसे में चुनाव की तरह ही दोनों पक्षों में जमकर कसमकस चल रही है। हालांकि, शनिवार को मतदान के बाद लगभग स्थिति स्पष्ट होग जाएगी कि किसका पलड़ा भारी है और किसका पलड़ा हल्का है, लेकिन पहली बार सदस्यों के चुनाव में इतनी दिलचस्पी देखकर चुनाव कार्यालय के अफसर व कर्मचारी भी हैरान हैं।

135 पंचायतों में 155 बूथ बनाए

जिले में कुल 867 पंचायत हैं। पहले चरण में महज 459 पंचायतों में ही दो तिहाई सदस्यों का कोरम पूरा हो पाया था। बाकी की पंचायतों में सदस्य पूरे न होने के चलते प्रधान शपथ नहीं ले सके। अब पिछले दिनों निर्वाचन विभाग ने चुनाव की घोषणा की थी। रविवार से इस प्रक्रयिा की शुरूआत हुई। इसमें जिले भर के कुल ग्राम पंचायत सदस्यों के 4231 पदों के लिए 4827 उम्मीदवारों ने पर्चा भरा था। इनमें से 66 ने नाम वापस ले लिया। 301 पर्चे निरस्त हुए। 3714 ग्राम पंचायत सदस्यों का निर्विरोध निर्वाचन हो गया। अब शनिवार को 431 ग्राम पंचायत सदस्य प्रत्याशियों के लिए चुनाव होना है। इसके लिए कुल 135 पंचायतों में 155 बूथ बनाए गए हैं। 74 हजार मतदाता वोट डालेंगे

हारे हुए पक्ष लगा रहे ताकत

ग्राम पंचायत सदस्यों का चुनाव भी इस बार प्रधानी की तरह हो रहा है। प्रधानी के चुनाव में जो दावेदार अपनी सीट हार गए हैं, वह अब अपने सदस्यों के लिए ताकत लगा रहे हैं। इसके पीछे मकसद है कि अगर सदस्य रहेंगे तो कम से कम पंचायत में दखल तो रहेगा। वहीं, प्रधान पक्ष अपने सदस्य बनाना चाहता है। इसके पीछे उसकी मंशा है कि अगर अपने सदस्य होंगे तो ज्यादा राजनीति नहीं होगी।

14 को आएंगे परिणाम

अब शनिवार को चुनाव है। 14 जून को मतगणना होगा। इसी के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि किसका पलड़ा भारी है और किसका हल्का है।

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