अलीगढ़ नगर निगम के पास नहीं कोई योजना, 206 गांवों में जल संकट, जानिए ऐसा क्यों Aligarh news
जल बिन जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती। फिर भी जल की कीमत कोई नहीं समझ रहा। सरकार भी तभी चेतती है जब दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं। हाल ही में शासन ने अलीगढ़ समेत 10 नगर निगमों में भूजल का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं।
लोकेश शर्मा, अलीगढ़ : जल बिन जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती। फिर भी जल की कीमत कोई नहीं समझ रहा। सरकार भी तभी चेतती है, जब दुष्परिणाम सामने आने लगते हैं। हाल ही में शासन ने अलीगढ़ समेत 10 नगर निगमों में भूजल का आकलन करने के निर्देश जारी किए हैं। इसमें भूजल स्तर, इसके बचाने के संसाधन व कार्ययोजना और पेयजल आपूर्ति के लिए उपलब्ध जल स्रोतों की रिपोर्ट मांगी है। जिससे बारिश से पहले जल संचय के इंतजाम किए जा सकें। हालांकि, इसके लिए भूगर्भ जल विभाग होता है, जो भूजल की निगरानी कर समय-समय पर रिपोर्ट देता है। लेकिन, अलीगढ़ में ये विभाग गठित ही नहीं हुआ। एक कर्मचारी तक नहीं है। आगरा से औपचारिकता पूरी की जाती हैं। कभी मीटिंग होती है तो वहीं से अवर अभियंता शामिल होते हैं। यह स्थिति तब है, जब अलीगढ़ के 206 गांवों पानी जल संकट से जूझ रहे हैं। नगर निगम आवश्यकता के अनुसार पानी की आपूर्ति नहीं कर पा रहा। हैंडपंप, नलकूप सूख रहे हैं। 10 साल पहले जहां 100 फुट गहराई पर पानी था, वहां 250 फुट की बोरिंग कराई जाती है।
सूख गए 500 हैंडपंप
जल निगम द्वारा शहर में 100 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) पेयजल आपूर्ति नलकूपों द्वारा की जा रही है। 80 एमएलडी हैंडपंप व सबमर्सिबल के जरिए हो रही है। उपलब्ध जलस्रोतों से कुल 180 एमएलडी पेयजल आपूर्ति होती है। जबकि, आबादी के अनुसार 225 एमएलडी पानी चाहिए। जलस्तर गिरने से शहर के 500 हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया था, जिन्हें रिबोर कराया गया।
शहर में पेजयल आपूर्ति
13 लाख की आबादी है शहर में
225 एमएलडी पानी की है डिमांड
100 एमएलडी पानी नलकूपों से
80 एमएलडी पानी हैंडपंप व सबमर्सिबल से
140 नलकूप हैं पेजयल आपूर्ति के लिए
65 हजार घरों में हैं पेयजल कनेक्शन
43 हजार हैंडपंप लगे हैं शहर में
500 हैंडपंप किए जा चुके हैं रिबोर
40 नलकूप अमृत योजना के बनवाए गए
जय संचय की योजनाएं
प्रमुख मार्गों पर स्टार्म वाटर ड्रेनेज
पार्कों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई
खेत तालाब योजना का विस्तारीकरण
नहरों के नेटवर्क को गांव-गांव तक जोड़ना
65420 नलकूपों से होती है 275895 हेक्टेयर की सिंचाई
206 गांव जलस्तर गिरने से संकटग्रस्त क्षेत्र हो चुके घोषित
225 एमएलडी पेयजल आपूर्ति नहीं कर पा रहा जलनिगम
सिंचाई के साधन
64600 निजी नलकूपों से 270670 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई
820 राजकीय नलकूपों से 5225 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई
1560 किमी तक फैला है नहरों का नटवर्क
12 प्रमुख वाटरशेड (जलागम क्षेत्र) हैं जिले में
विकास खंडों में भूमि का गिरता जल स्तर
विकास खंड, प्रतिवर्ष गिरावट(सेमी. में), जलस्तर (फुट में)
अकराबाद, 28.00, 30-100
गौंडा, 9.87, 45-60
बिजौली, 6.10, 40-45
खैर, 3.70, 100-150
गंगीरी, 5.09, 40-50
अतरौली, 20.44, 40-45
इगलास, 6.39, 85-200
चंडौस, 20.02, 90-200
लोधा, 17.32, 110-150
जवां, 6.13, 40-80
धनीपुर, 2.27, 150-180
टप्पल, 5.68, 30-100
भूगर्भ जल विभाग के मुख्य कार्य
- ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में भूजल स्तर की मानिटरिंग
- भूजल संसाधनों का विकास व खंडवार आकलन
- वैज्ञानिक तकनीकों के जरिए भूजल संपदा का सर्वेक्षण
- जियोफिजिकल सर्वे से लघु सिंचाई कार्यों हेतु स्थल चयन
- भूजल सर्वेक्षण का संपादन, भूजल प्रबंधन व नियोजन
- जीआइएस तकनीक से भूजल मैपिंग का कार्य
- भूजल समस्याओं का वैज्ञानिक अध्ययन करना
- भूगर्भ जल दोहन, संरक्षण की तकनीकी गाइडलाइन तैयार करना
- नलकूप व रेन वाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्जिंग प्रणाली का निर्माण करना