Aligarh Lockdown Update: दुख की घड़ी है यह, कर लो सुख में तब्दील Aligarh News

घर का माहौल खुशनुमा बनाएं। पूरे दिन की प्लानिंग करें ताकि दिनभर मस्त रहें और व्यस्त रहें। इसके लिए आप उपाय तलाशिये। खेलिये। बातें कीजिये।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 01:01 PM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 01:01 PM (IST)
Aligarh Lockdown Update: दुख की घड़ी है यह, कर लो सुख में तब्दील Aligarh News
Aligarh Lockdown Update: दुख की घड़ी है यह, कर लो सुख में तब्दील Aligarh News

अलीगढ़ जेएनएन : लॉकडाउन...। यानी सब कुछ बंद। कोरोना वायरस से बचाव के चलते घरों रहना जरूरी हो गया है। ये दुख की घड़ी है, पर इसे अपनों के बीच सुख में तब्दील करना हमारी जिम्मेदारी भी हो गई है। घर का माहौल खुशनुमा बनाएं। पूरे दिन की प्लानिंग करें, ताकि दिनभर मस्त रहें और व्यस्त रहें। इसके लिए आप उपाय तलाशिये। खेलिये। बातें कीजिये। घर को सजाने संवारने में सहयोग कीजिये। अपने हाथों से बनाकर परिवार को खाना खिलाइये। कुछ नया कीजिये...ऐसा कि जिसका अनुभव आपको लंबे समय तक याद रहे।

आओ खेलें

होगी मस्ती बलून गेम के संग

यह काफी पॉपुलर गेम है और इसके लिए बहुत अधिक स्पेस की भी जरूरत नहीं, बस कमरे के फर्नीचर को मम्मी पापा से कहकर एक साइड रखवा दो। फिर इसके लिए कमरे में काफी स्पेस हो जाएगा। आओ करें बलून गेम की तैयारी

स्टेप-1 यह गेम ग्र्रुप में खेला जाने वाला है। इसके लिए बच्चों को पेयर में एक दूसरे के अपोजिट खड़ा होना है और एक प्लेयर एक कदम पीछे हो जाए।

स्टेप-2 हर पेयर को हाथों में वॉटर बलून को रखकर उसे पीछे की ओर फेंकना है और उसके दूसरे साथी को उसे कैच करना है। ऐसा हर पेयर को करना है। लेकिन बलून को फेंकने के बाद हर बार उन्हें एक कदम पीछे होना है।

स्टेप -3 इस दौरान प्येलर्स को पूरा ध्यान अपने खेल पर लगाना होता है, क्योंकि बलून हाथ से छूटकर गिरेगा तो पूरे कमरे में पानी फैल सकता है।

स्टेप 4-ये बलून गेम तब तक चलता रहेगा जब तक कि किसी के हाथ से कैच छूट न जाए।

बूझो तो जानें

1-गोल है पर गेंद नहीं, पूंछ है पर पशु नहीं। पूंछ पकड़कर खेलें बच्चे, फिर भी मेरे आंसू न निकलते।

2-तीन अक्षर का मेरा नाम, उल्टा सीधा एक समान।

3-लाल डिबिया में हैं पीले खाने, खानों में मोती के दाने।

4-चौकी पर बैठी एक रानी, सिर पर आग बदन पर पानी।

5-फूल भी हूं, फल भी हूं और हूं मिठाई तो बताओ क्या हूं मैं भाई।

6-कान घुमाए बंद हो जाऊं, काम घुमाए खुल जाता हूं। रखता हूं मैं घर का ख्याल, कोई बताए मेरा नाम।

7-आदि कटे तो गीत सुनाऊं, मध्य कटे तो संत बन जाऊं, अंत कटे साथ बन जाता, संपूर्ण सबके मन भाता।

8-हारी थी मन भारी थी, लाख मोती जड़े थी। राजाजी के बाग में दोशाला ओढ़े खड़ी थी।

9-एक फूल है काले रंग का, सिर पर सदा सुहाए। तेज धूप में वो खिल जाता, छाया में मुरझाए।

10-तीन अक्षर का मेरा नाम, खाने में आता हूं काम। मध्य कटे हवा हो जाता, अंत कटे तो हल कहलाता।

बूझो तो जानें के उत्तर

1-गुब्बारा, 2- जहाज, 3-अनार, 4-मोमबत्ती, 5-गुलाब जामुन, 6-ताला, 7- संगीत, 8-भुïट्टा, 9-छाता, 10- हलवा। 

किताबों से करें दोस्ती

अब ऐसा तो हो नहीं सकता कि दिनभर खेलते या बातें करते रहें। पढऩे का शौक भी पूरा करना है। इसके लिए आप वेबसाइट का उपयोग करें। अनेक पुस्तकें मौजूद हैं। ईपुस्तकालय डॉट कॉम पर आप मोहन राकेश की 'न आने वाला कलÓ पुस्तक भी काफी पसंद की जा रही है। 208 पेज की इस पुस्तक में सामाजिक बदलाव का चित्रण किया गया है। इसी वेबसाइट पर 'संपूर्ण महाभारतÓ भी मौजूद है। ङ्क्षहदी भाषा में लिखे गए  इस ग्र्रंथ के पाठकों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। 

आप बनाएं, सबको खिलाएं

वीट कार्न टमेटो सूप से बढ़ाएं इम्युनिटी

पांच लोगों के लिए

सामग्री : दस टमाटर, एक गाजर, थोड़ा सा चुकंदर, दो-चार लोंग, थोड़ा सा अदरक, पांच काली मिर्च, स्वीट कार्न, घी या बटर, हरा धनिया, काला नमक, जीरा पाउडर, चीनी।

बनाने की विधि

गूलर रोड की श्वेता बताती हैं सारी सामग्री को मिक्सी में थोड़ा गर्म पानी डालकर पीस लें। इसके बाद ठंडा करें और चलनी में छान लें। फिर एक पैन में दो चम्मच घी या बटर गर्म करें। उसमें छोटी कटी हुई गाजर और स्वीट कार्न डालें और अच्छे से मिलाएं। फिर इसमें छना हुआ सूप डाल दें। ऊपर से एक गिलास पानी, काली मिर्च, चीनी, नमक डालें और दो से तीन मिनट तक उबाल लें। अब इसमें हरा धनिया, काला नमक और जीरा पाउडर मिलाएं। सूप तैयार है।

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