श्रद्धा के सैलाब में अलीगढ़, मां के जयकारों से गूंजे मंदिर
नवमी पर शनिवार तड़केे ही श्रद्धालुओं की भीड़ देवी मंदिरों पर उमड़ पड़ी। नौरंगाबाद में सिद्धपीठ नौ देवी मंदिर में भक्तों ने माता रानी के दर्शन किए। गांधीपार्क चौराहे के निकट चामुंडा देवी मंदिर में भी भक्तों ने मां का दर्शन कर आशीर्वाद लिया।
जेएनएन, अलीगढ़ । नवमी पर शनिवार तड़केे ही श्रद्धालुओं की भीड़ देवी मंदिरों पर उमड़ पड़ी। नौरंगाबाद में सिद्धपीठ नौ देवी मंदिर में भक्तों ने माता रानी के दर्शन किए। गांधीपार्क चौराहे के निकट चामुंडा देवी मंदिर में भी भक्तों ने मां का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। शहर के काली मंदिर, मां कामाख्या देवी आदि मंदिरों में भी सुबह से भक्तों की कतार लगी रही। वहीं, नवमी पर घरों में कन्या लांगुरा जिमाए गए। कन्याओं का पूजन कर उन्हें प्रसाद ग्रहण कराया गया। दान-पुण्य भी किया।
दो तिथियों के पूजन का अवसर
शुक्रवार को भक्तों को दो तिथियों के पूजन का अवसर मिला। सुबह 6:56 बजे तक सप्तमी रही, फिर अष्टमी शुरू हो गई। तमाम घरों में कन्याओं का पूजन किया गया। आरती की और पैर छूकर आशीर्वाद लिया। सुबह से मंदिरों में भी मां के दर्शन के लिए लंबी कतारें लग गईं। नौरंगाबाद नौदेवी मंदिर में श्रद्धालु सुबह चार बजे ही दर्शन को पहुंच गए। कांकड़ आरती में शामिल हुए। नौ देवियों के दर्शन किए। गांधीपार्क स्थित चामुंडा देवी में भी सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। मां के दर्शन के साथ पुष्प, नारियल आदि चढ़ाए। अचलताल नौ देवी मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। महेंद्र नगर व सासनीगेट स्थित काली मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। जयकारों के साथ मां के दर्शन किए।
पथवारी मइया का पूजन
हाथरस अड्डा स्थित पथवारी मंदिर पर तड़के चार बजे से लंबी लाइन लगी हुई थी। हाथों में पूजन सामग्री लिए महिलाओं को पूजन के लिए इंतजार करना पड़ा। दुबे पड़ाव, रामघाट रोड, भमौला स्थित पथवारी मइया का भक्तों ने दर्शन किया। वैदिक ज्योतिष संस्थान के प्रमुख स्वामी पूर्णानंदपुरी महाराज ने बताया कि शनिवार को 6:58 बजे तक अष्टमी रहेगी। फिर नवमी शुरू हो जाएगी। पूरे दिन नवमी रहेगी। कन्याओं का पूजन करें, प्रसाद ग्रहण कराएं। दान-पुण्य कर आशीर्वाद प्राप्त करें। रविवार को पूरे दिन दशमी रहेगी। यह तिथि सोमवार तक व्याप्त रहेगी। दशहरा का पर्व रविवार को धूमधाम से मनाया जाएगा। पूर्णानंदपुरी ने कहा कि दशहरा पर्व पर हम रावण के पुतले का दहन करते हैं। ऐसे पर्व पर हमें अपने अंदर की बुराइयों का भी अंत करना चाहिए। संकल्प लेना चाहिए कि हम मानवता के लिए श्रेष्ठ कार्य करेंगे।
तेरी मूरत है मइया सबसे प्यारी
मैरिस रोड स्थित दुर्गाबाड़ी में सप्तमी और अष्टमी का पूजन किया गया। संध्या आरती पर बंगाली समाज के लोग शामिल हुए। मां का प्यारा दरबार सजाया गया है। अध्यक्ष डॉ. बीबी राय ने कहा कि इस बार कोरोना के चलते प्रतिमा स्थापित नहीं हो सकी, इसलिए अन्य जिलों से समाज के लोग नहीं आ सके। तापस बनर्जी, मिलन मुखर्जी, डॉ. प्रभात दास गुप्ता, रतन बागची, चंदन चटर्जी, रीमा मुखर्जी, पुलक मुखर्जी, अशोक चक्रवर्ती आदि मौजूद थे।
हाथरस में भी मनी नवमीं
नवरात्र पर्व का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। श्रद्धालुओं द्वारा यह पर्व लगातार नौ दिनों तक मनाया जाता है। इसमें अष्टमी व नवमी को माता रानी की विशेष पूजा की जाती है। शनिवार को अष्टमी के दिन हाथरस के सभी प्रमुख देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं का सुबह से ही पहुंचना शुरू हो गया था। हाथों में पूजा की थाली लेकर महिला व पुरुष श्रद्धालु मंदिरों में माता रानी की पूजा-अर्चना कर रहे थे। शहर में बोहरे वाली देवी, मां चामुंड़ा आदि प्रमुख मंदिरों पर खूब भीड़ रही। घरों में भी माता की चौकी सजाकर परिवार सहित श्रद्धालुओं ने पूजा कर स्वजन की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। वहीं देहात के सहपऊ में भद्रकाली, सादाबाद के कुरसंडा में कुष्मांडा, सासनी में मां कंकाली व बिसाना में मां तारागढ़ वाली के मंदिरों आस्था का सैलाव सुबह से ही उमड़ने लगा था।