रक्षा हथियारों से देश-दुनिया में होगी अलीगढ़ की पहचान, जानिए विस्तार से
Aligarh Defense Corridor फौजियों का वर्दी की एसेसरीज व देशी-विदेशी सेना का अन्य साजो सामान तैयार होगा। चार साल पहले जिस सपने को उद्यमियों ने देखा था वह पूरा होने जा रहा है। कारिडोर स्वदेशी रक्षा उपकरणों से आत्मनिर्भर भारत बनाने में सक्षम होगी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अभी तक देश में अलीगढ़ की पहचान ताला व तालीम के चलते है, लेकिन अब रक्षा हथियार और उनके कलपुर्जे निर्माण के लिए होगी। जिले के गांव अंडला में विकसित होने वाले डिफेंस कारिडोर में सेना के लिए पिस्टल, रायफल, कारतूस, फाइटर प्लेन, मिसाइल, तोप, तोप के गोलों के कलपुर्जे व पाट्र्स तैयार किए जाएंगे। फौजियों का वर्दी की एसेसरीज व देशी-विदेशी सेना का अन्य साजो सामान तैयार होगा। चार साल पहले जिस सपने को उद्यमियों ने देखा था, वह पूरा होने जा रहा है। कारिडोर स्वदेशी रक्षा उपकरणों से आत्मनिर्भर भारत बनाने में सक्षम होगी।
यह है योजना
यूपीडा का समन्वयक फेडरेशन आफ मैन्युफैक्चरर के अध्यक्ष धनजीत वाड्रा व मोहित गुप्ता ने कहा कि अलीगढ़ डिफेंस इन्वेस्टर समिटि में तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने एलान किया था कि सेना के लिए रक्षा हथियार, कलपुर्जे व अन्य उपकरण बनाने वाली कंपनियां उत्पादान तैयार करें, उनकी खरीद हम करेंगे। इन कंपनियों से कम से कम 10 साल के लिए अनुबंध होगा। प्रदेश के छह जिले आगरा, कानपुर, लखनऊ, झांसी व कारिडोर में सेना के लिए वाहन ( इंफैंट्री व काम्बैट), मिनी आटोमेटिक माउजर से लेकर टी-70 टैंक और तोप तक बनाई जाएंगी।
स्वदेशी हथियारों से सेना होगी मजबूत
रक्षा क्षेत्र में विदेशी निवेश (एफडीआइ) को सरकार पहले ही सशर्त हरी झंडी दे चुकी है। विदेशी कंपनियों की हिस्सेदारी भी तय है। बदले में उन्हेंं अपनी तकनीक हिंदुस्तानी कंपनियों को देनी होगी। रा मेटेरियल व कलपुर्जें का इस्तेमाल भी देश का ही होगा। सरकार ने तीन साल के अंदर आठ लाख आठ हजार छह सौ काम्वैट व्हीकल, तीन लाख 25 हजार एके 56 व एके -47 रायफल बनाने का लक्ष्य भी है। 30 एमएम के आटोमेटिक ग्रेनेड लांच भी पांच लाख बनाए जाएंगे। एक लाख हावित्जर तोप, 20 हजार टी- 70 टू टैंक, तीन लाख मल्टीपल ग्रेनेड लांचर, पांच लाख एयर ग्रेनेड लांचर, पांच लाख एयर डिफेंस गन व पांच लाख आॢटलटी गन (मिनी माउजर) हर साल तैयार होंगी। अभी हर साल 10 लाख हावित्जर गन जर्मनी से ली जाती हैं। सेना की वर्दी, एसेसरीज, मेटल, स्टार आदि भी अत्याधुनिक मशीनों से बनाए जाएंगे। मेटल प्रोडक्ट में काफी आगे बढ़ चुके अलीगढ़ के उद्यमियों को इसका बड़ा फायदा होगा। इन स्वदेशी हथियारों से सेना लैस होगी।