अलीगढ़ के सौ से अधिक बच्चे हैं लापताः इस त्योहार घर आ जाओ, पुकार रही ममता

त्योहार पर अपनों का इंतजार रहता है। जो घर नहीं आते हैं वहां जश्न की रंगत फीकी पड़ जाती है। अपने जिले में ऐसे 127 बच्चों के मां-बाप हैं जिन्हें उनके लौटने का इंतजार रहता है। हर त्योहार ऐसे ही बीत जाता है। स्वजन उनकी तलाश में भटक रहे हैं।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 04:22 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 04:22 PM (IST)
अलीगढ़ के सौ से अधिक बच्चे हैं लापताः इस त्योहार घर आ जाओ, पुकार रही ममता
गायब बच्चों की तलाश में जुटे लोगों को अभी भी उम्मीदें हैं

जेएनएन, अलीगढ़।  त्योहार पर अपनों का इंतजार रहता है। जो घर नहीं आते हैं, वहां जश्न की रंगत फीकी पड़ जाती है। अपने जिले में ऐसे 127 बच्चों के मां-बाप हैं, जिन्हें उनके लौटने का इंतजार रहता है। हर त्योहार ऐसे ही बीत जाता है। स्वजन उनकी तलाश में भटकने को मजबूर हैं। लाडलों की तलाश में थाने से लेकर पुलिस कप्तान तक गुहार लगा चुके हैं। एक ही जवाब मिलता है कि इंतजार करिए, आपका बच्चा जल्द मिलेगा। निठारी कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों की गुमशुदगी पर पुलिस को जगाया था, लगता है नींद की झपकी फिर से लग गई है। तीन साल में 127 बच्चे गायब 

जिले में पिछले तीन साल में करीब 127 बच्चे गायब हुए। 96 के परिवार भाग्यशाली रहे, जिनके उनके लाल मिल गए। चार की हत्या कर दी गई। बाकी बच्चों का सुराग नहीं लग सका है। इस साल दस माह में 22 बच्चे गायब हुए, 13 मिल गए। एक की हत्या कर दी गई। आठ का अब तक पता नहीं है। 

अब तक नहीं मिला सुराग 

- अतरौली के सूरतगढ़ निवासी जयङ्क्षसह का 15 वर्षीय बेटा मनोज 20 दिसंबर 2017 से लापता। 

- टप्पल के जरतौली निवासी डोरीलाल का सात वर्षीय बेटा उमेश सात मई 2018 से गायब। 

- गांधीपार्क के दुबे पड़ाव आंबेडकर वाली गली निवासी अशोक कुमार का 12 वर्षीय बेटा रोहन 31 मई 2018 से गायब। 

- सासनीगेट के कबीरनगर निवासी मजदूर सुखदेव का आठ वर्षीय बेटा धर्मेंद्र कुमार 27 नवंबर 2018 से लापता।  

- सिविल लाइन के फिरदौस नगर निवासी मोहम्मद सत्तार का 16 वर्षीय बेटा मोहम्मद इसरार दो जनवरी 2018 से लापता है।

- क्वार्सी के किशनपुर निवासी मोहन लाल का आठ वर्षीय बेटा रोहित चार अगस्त 2019 से लापता है। 

- क्वार्सी के किशनपुर के दुर्गा प्रसाद का 15 वर्षीय बेटा आकाश सैनी आठ फरवरी 2019 से गायब है। 

-बन्नादेवी के साईं विहार सारसौल के मनमोहन का 16 वर्षीय बेटा दीपांशु 13 फरवरी 2019 से लापता। 

- सिविल लाइन के फिरदौस नगर के मोहम्मद सलीम का 14 वर्षीय बेटा मोहम्मद सुजात 26 अक्टूबर 2017 से लापता। 

- खैर कस्बे के पप्पू शर्मा का पांच वर्षीय बेटा करन शर्मा 25 अप्रैल 2018 से लापता। 

- सासनीगेट के मुरलीधर का 17 वर्षीय बेटा कन्हैया इस साल 20 जनवरी से गायब। 

- सिविल लाइन के शमीम का 13 वर्षीय बेटा समीर 23 सितंबर से लापता। 

लापता होने पर ये  है नियम 

- लापता बच्चे का तत्काल मुकदमा दर्ज किया जाए।

-गुमशुदा बच्चों का विवरण सूचना प्रसार भारती के माध्यम से देना।

-फोटो लेकर उसे मिङ्क्षसग सेल के माध्यम से वेबसाइट पर लोड कराना।

-लापता की तलाश के लिए भीड़भाड़ वाले स्थानों पर पोस्टर लगाना। 

जागरण सुझाव  

- घर की चौखट से स्कूल तक जाने और आने पर नजर रखें। 

- आंगन में बच्चा खेल रहा है तो उसको चेक करते रहें। 

- बच्चों को दोस्तों के साथ खेलने व बाहर न घूमने दें। घर में ही खेलने दें। 

- किसी से रंजिश है तो बच्चों को विशेष सुरक्षा दें। 

- बाजार जाते में बच्चों को घर में अकेला न छोड़ें।  

-स्कूल, संवेदनशील प्वॉइंट व आसपास खड़े रहने वाले संदिग्ध लोगों की पुलि चेङ्क्षकग करे। 

तीन साल में गुमशुदा बच्चों का विवरण 

थाना, लापता बच्चे, बरामद, शेष 

जीआरपी,17,14,03 

आरपीएफ, 08,08,00

सिविल लाइन,19,13,06

सासनीगेट, 17,11, 06

बन्नादेवी, 10,07,03

क्वार्सी, 10,07,03

कोतवाली, 06,04,02

देहलीगेट, 10,07,03 

गांधीपार्क, 09,05,04

खैर,03,02,01

अकराबाद, 01,01,00

गभाना, 01,01,00 

मडराक, 01,00,01

इगलास, 02,01,01

अतरौली, 03,02,01 

(आंकड़े जनवरी-18 से 20 अक्टूबर 2020 तक ) 

चाइल्ड लाइन

लापता बच्चों को अपनों तक पहुंचाने में उड़ान सोसायटी व चाइल्ड लाइन जुटी है। चाइल्ड लाइन के डॉ. ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि संस्था पिछले पांच साल में ही 600 से अधिक बच्चों को तलाश कर स्वजनों को सौंप चुके हैैं। एसएसपी मुनिराज का कहना है कि गुमशुदा बच्चों के लापता होने पर पुलिस शिथिलता नहीं बरतती है। इसका प्रमाण कई बच्चों की सकुशल बरामदगी है। जितने भी मामले हैं, पुलिस स्तर से जांच की जा रही है।  लापता शेष बच्चे भी जल्द घर लौटेंगे। 

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