त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : अलीगढ़ में आनलाइन होगा आरक्षण, पिछले पांच चुनावों का का डाटा अपलोड

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। दो दिन पहले जिले का अंतिम परिसीमन जारी हो चुका है। 22 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची भी जारी हो जाएगी। अब सभी की निगाहें आरक्षण पर टिकी हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 08:52 AM (IST)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : अलीगढ़ में आनलाइन होगा आरक्षण, पिछले पांच चुनावों का का डाटा अपलोड
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। दो दिन पहले जिले का अंतिम परिसीमन जारी हो चुका है। 22 जनवरी को अंतिम मतदाता सूची भी जारी हो जाएगी। अब सभी की निगाहें आरक्षण पर टिकी हैं। इस बार आरक्षण प्रक्रिया आनलाइन जारी होने की अधिक संभावना हैं। इसी कड़ी में सभी पंचायतों की आबादी व पिछले पांच चुनावों के आरक्षण का ब्यौरा पंचायत चुनाव 2020 के नाम के सॉफ्टवेयर पर अपलोड हो रहा है। 

आनलाइन व्यवस्था पर जोर 

प्रधान व जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो गया है। मार्च में क्षेत्र पंचायत सदस्यों का कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा। ऐसे में अब गांव देहात में चुनावी सरगर्मी तेज हो गई हैं, लेकिन अभी दावेदारों में सबसे ज्यादा बैचेनी आरक्षण को लेकर देखी जा रही है। इस प्रक्रिया के बाद ही तय होगा कि किस गांव में किस जाति का उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। क्योंकि, गांव अगर आरक्षित हो गया तो सामान्य जाति के लोग वहां से चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसी तरह गांव महिला के लिए आरक्षित हो गया तो वहां से कोई पुरुष नहीं लड़ सकेगा। पंचायत चुनाव में सर्वाधिक विवाद सीटों के आरक्षण तय करने में फंसता है। ऐसे में इस बार इसमें पारदर्शिता बनाए रखनी की तैयारी हो रही है। इसी कारण आनलाइन व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है।

पांच बार का ब्यौरा दर्ज 

अब शासन स्तर से पंचायत चुनाव 2020 के नाम से एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है। इस पर पिछले पांच पंचायत चुनाव के आरक्षण का ब्यौरा व आबादी दर्ज की जा रही है। ऐसे में जिले से 1995, 2000, 2005, 2010 व 2015 के चुनावों का ब्यौरा दर्ज किया जा रहा है। संभावना लगाई जा रही है कि इसी के आधार पर इस बार आरक्षण तय होगा। हालांकि, जिला स्तर के अफसरों को अब तक इस तरह की कोई भी अादेश नहीं आया है। केवल इन्हें ब्यौरा अपलोड करने की जिम्मेदारी दी गई है। 

पांच चुनावों का ब्यौरा आनलाइन 

आरक्षण को लेकर अब तक कोई भी आदेश नहीं आया है। वहां से केवल पिछले पांच चुनावों का ब्यौरा आनलाइन दर्ज कराया जा रहा है। आगे जो भी निर्देश मिलेंगे, उस पर अमल किया जाएगा। लोगों से अपील है कि वह आरक्षण के लिए किसी के झांसे में न आएं। 

पारुल सिसौदिया, डीपीआरओ

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