Aligarh Basic Education : ‘उम्मीद के रंग’ ने शिक्षकों को किया नाउम्मीद, की शिकायत, जानिए मामला
कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं को उम्मीद के रंग ने नाउम्मीद कर दिया है। पहले ये व्यवस्था बनाई गई थी कि जब शिक्षक पढ़ाने के लिए कक्षाओं में आएंगे तो उनको उम्मीद के रंग से प्रेरणा मिलेगी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कक्षा एक से आठ तक के सरकारी स्कूलों में शिक्षक-शिक्षिकाओं को उम्मीद के रंग ने नाउम्मीद कर दिया है। पहले ये व्यवस्था बनाई गई थी कि जब शिक्षक पढ़ाने के लिए कक्षाओं में आएंगे तो उनको ''उम्मीद के रंग'' से प्रेरणा मिलेगी। स्कूल को बेहतर बनाने व गुणवत्तापरक शिक्षा बच्चों को देने के नए तरीके शिक्षकों को पढ़ने के लिए मिलेंगे। साथ ही स्कूल में नामांकन बढ़ाने की कला के बारे में भी पता चलेगा। इसके लिए शासन स्तर से पहले ही कदम उठाया जा चुका है। मगर वास्तविक स्थिति इससे उलट ही है। हालांकि सभी स्कूलों के शिक्षकों को नहीं बल्कि कुछ स्कूलों के शिक्षकों को अभी भी उम्मीद के रंग का इंतजार है।
उम्मीद के रंग
सरकारी स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रेरित करने के उद्देश्य से शासन ने ''उम्मीद के रंग'' नाम से किताब प्रकाशित कराई है। इसमें प्रदेशभर से 24 जिलों में से हर जिले से एक-एक शिक्षक-शिक्षिका के संघर्ष की कहानी को प्रकाशित किया गया है। जिन्होंने अपने प्रयासों से स्कूल को बेहतर स्थिति में पहुंचाया और स्कूल में छात्र-छात्राओं की संख्या व शिक्षा गुणवत्ता को भी बढ़ाया है। अलीगढ़ से पूर्व माध्यमिक विद्यालय जुझारपुर की विज्ञान की शिक्षिका वर्षा श्रीवास्तव का भी प्रदेशस्तर पर चयन हुआ था। शिक्षिका वर्षा ने बताया कि, बेसिक शिक्षा विभाग ने टाटा ट्रस्ट के सहयोग से कुछ ऐसे ही शिक्षकों के संघर्ष की कहानी, उन्हीं की जुबानी के दृष्टिगत उम्मीद के रंग नामक पुस्तक प्रकाशित की है। कोरोना काल की वजह से एहतियात के तौर पर इस पुस्तक की डिजिटल लांचिंग राज्यमंत्री बेसिक शिक्षा डा. सतीश चंद्र द्विवेदी व निदेशक बेसिक शिक्षा डा. सर्वेंद्र बहादुर सिंह ने 26 अगस्त को ही कर दी थी। मगर कुछ स्कूलों में अभी ये किताब शिक्षकों को प्राप्त नहीं हो सकी है। उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने बताया कि कई ब्लाक के स्कूलों में उम्मीद के रंग पुस्तक उपलब्ध न होने की सूचना उन तक पहुंची है। संभावना जताई कि शासन से किताबें आ गई होंगी मगर बीआरसी पर ही रखी होंगी। मगर शिक्षकों को नहीं दी गई हैं। बताया कि ऐसे ही सात से आठ प्रिंट सामग्री अभी तक शिक्षकों को उपलब्ध नहीं कराई गई हैं। जिससे प्रेरणा लक्ष्य प्राप्त करने में शिक्षको ंको दिक्कत आती है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत करते हुए ज्ञापन भी सौंपा गया है।
बीएसए सत्येंद्र ढाका ने कहा कि शिक्षकों ने ज्ञापन सौंपा है। इस संबंध में खंड शिक्षाधिकारियों से ब्लाकवार बीआरसी की रिपोर्ट मांगी जा रही है। अगर किसी शिक्षक या विद्यालय को कोई पुस्तक या प्रिंट सामग्री उपलब्ध नहीं हो सकी है तो उसको तत्काल उपलब्ध कराई जाएगी।