Corona infection : नए वैरिएंट को लेकर अलीगढ़ में भी अलर्ट, बाहर से आने वालों पर पैनी नजर
नए वैरिएंट के साथ कोरोना फिर वापसी कर रहा है हालांकि भारत में इसकी दस्तक नहीं हुई है। लेकिन डेल्टा से भी खतरनाक बताए जा रहे इस वैरिएंट को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नए वैरिएंट के साथ कोरोना फिर वापसी कर रहा है, हालांकि भारत में इसकी दस्तक नहीं हुई है। लेकिन, डेल्टा से भी खतरनाक बताए जा रहे इस वैरिएंट को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। देशभर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग को सैंपलिंग बढ़ाने के विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
जनपद में कोरोना को एक भी सक्रिय मरीज नहीं
सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि जनपद में कोरोना का कोई सक्रिय मरीज नहीं है, लेकिन अब खतरा बढ़ गया है। नए वैरिएंट को हल्के में बिल्कुल नहीं लेना है। लोग आज से ही मास्क लगाएं। शारीरिक दूरी का पालन करें। जिन लोगों ने अभी तक कोरोनारोधी टीके नहीं लगवाए हैं, वे नजदीकी केंद्र पर पहुंचकर टीका लगवा लें। टीकाकरण कोरोना से बचाव में पूरी तरह सक्षम हैं। दूसरी लहर में ज्यादातर ऐसे ही लोग संक्रमण की चपेट में आए, जिन्होंने टीके नहीं लगवाए थे। यदि टीके लगवाने वाले संक्रमित भी हुए तो ज्यादा असर नहीं हुआ। तमाम लोग बिना अस्पताल जाए होम आइसोलेशन में ठीक हो गए। इसलिए टीका लगवाना बहुत जरूरी है।
यात्रियों पर रहेगी नजर
सीएमओ ने बताया कि नए वैरिएंट की पहचान व संक्रमण रोकने के लिए बाहर से आए यात्रियों पर विशेष नजर रखी जाएगी। वर्तमान में तीन से चार हजार लोगों की सैंपलिंग हो रही है। इसे और बढ़ाया जाएगा। शासन से 70 फीसद जांच आरटीपीसीआर लैब में कराए जाने के निर्देश दिए हैं। आशा कर्मियों को बाहर से आए लोगों की सूचना देने के निर्देश दिए गए हैं। ओपीडी में संदिग्ध मरीजों की फिर से पहचान कर जांच शुरू की जाएगी।
जूनियर डाक्टर हड़ताल पर, वार्ड से घर भेजे जा रहे मरीज
अलीगढ़ । नीट की काउंसिलिंग न होने से नाराज है एएमयू के जेएन मेडिकल जूनियर डाक्टर शनिवार को हड़ताल पर चले गए।चिकित्सकों ने ओपीडी सेवा नहीं की। लेकिन इसका असर वार्ड और इमरजेंसी में भी देखने को मिली। कई वार्ड से मरीजों को हड़ताल का हवाला देते हुए घर भेज दिया। इलाज न मिलने से मरीजों को परेशान होकर लौटना पड़ा। नीट काउंसलिंग में देरी होने पर राष्ट्रीय संगठनों ने ओपीडी सेवा प्रभावित करने का एलान किया था। इसके चलते जेएन मेडिकल कालेज में भी जेआर-वन हड़ताल पर चले गए। उन्होंने ओपीडी सेवा नहीं की। डाक्टरों का कहना है कि काउंसलिंग न होने के चलते वह प्रमोट नहीं हो पा रहे है। हर वर्ष जेआर-वन के आने के बाद पहला बैच प्रमोट होकर जेआर-टू में चला जाता है, लेकिन इस बार अभी तक काउंसिलिंग नहीं हुई है। लेकिन सरकार की लेटलतीफी के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा है। कहा कि कई कई घंटें काम करना पड रहा है। डाक्टरों का कहना है राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय के अनुसार वह अगला कदम उठाएंगे। वहीं कालेज प्रशासन जूनियर डाक्टर्स को समझाने का प्रयास भी किया, लेकिन हुआ कुछ नहीं। आरडीए के सचिव डा. मो. आदिल ने बताया कि जूनियर डाक्टर केवल ओपीडी सेवा नहीं दे रहे हैं। जबकि इमरजेंसी व वार्ड में सभी काम कर रहे हैं। वार्ड से मरीजों को अगर वापस किया जा रहा है तो वह गलत है। शनिवार शाम को जूनियर डाक्टर्स ने कैंडल मार्च भी निकाला।