Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर मिलता है अक्षय वरदान, ऐसे पूजा करने से मिलेगा विशेेष पुण्य Aligarh News
अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु अक्षय वरदान देते हैं। प्रभु से श्रद्धा-भाव से जो भी मांगेंगे वो मनोकामना पूर्ण होती है। अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ती है।
अलीगढ़, जेएनएन। अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु अक्षय वरदान देते हैं। प्रभु से श्रद्धा-भाव से जो भी मांगेंगे वो मनोकामना पूर्ण होती है। अवस्थी ज्योतिष संस्थान के प्रमुख आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि अक्षय तृतीया पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ती है। इस बार यह पर्व 14 मई को पड़ रहा है।
परशुराम भगवान विष्णु के छठें अवतार
जमदाग्नि और माता रेनुका के यहां भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठें अवतार हैं। आदित्य नारायण अवस्थी ने बताया कि अक्षय तृतीया तिथि बहुत पुणयदायिनी होती है। इस दिन दान-पुण्य और धर्म आदि का अक्षय पुण्य मिलता है। इसलिए इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए पंचांग आदि देखने की जरूरत नहीं होती है। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि वैशाख मास की तृतीया तिथि को महर्षि जमदाग्नि और माता रेनुका के यहां भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। भगवान परशुराम भगवान विष्णु के छठें अवतार माने जाते हैं। इसलिए अक्षय तृतीया को परशुराम जयंती के रूप में भी मनाते हैं। पूरे देश में भगवान परशुराम और भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की जाती है। शोभायात्राएं निकाली जाती हैं। अक्षय तृतीया के दिन मां अन्नपूर्णा का जन्मदिन भी मनाया जाता है। इसलिए इस दिन दान-पुण्य, धार्मिक और सेवाकार्य करने का अक्षय फल मिलता है।
पूजा से विशेष पुण्य
ब्राह्मणों को फल, अन्न, धन, वस्त्र, वर्तन आदि दान करने चाहिए। इसदिन महर्षि वेदव्यास ने महाभारत लिखना आरंभ किया था। भगवान भोलेनाथ ने कुबेर को माता लक्ष्मी की पूजा अर्चना करने को कहा था, इसलिए अक्षय तृतीया के दिन माता लक्ष्मी की पूजा से विशेष पुण्य मिलता है। धन-धान्य में कोई कमी नहीं आती है।