अलीगढ़ में बीमार आशा कर्मचारी को बेड मिला न इलाज, हंगामा
रविवार रात उल्टी-दस्त का इलाज कराने पहुंची थी वार्डो में ज्यादा मरीज नहीं संभाल पा रहीं स्टाफ नर्स।
जासं, अलीगढ़ : बरसात में हर साल ही संक्रामक बीमारियां शुरू होते ही जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। इन दिनों उल्टी-दस्त, डायरिया व अन्य बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा। ताजा मामला और भी हैरान करने वाला है। यहां उल्टी-दस्त होने पर इलाज की उम्मीद में आई आशा कर्मी को ही स्टाफ ने बेड देने से इन्कार कर दिया। गुस्साई आशा व उसके स्वजनों ने इमरजेंसी के बाहर ही हंगामा काटा। अस्पताल प्रबंधन व स्टाफ को कटघरे में खड़ा किया। आशा को न बेड मिल पाया और न इलाज।
सासनी गेट क्षेत्र के पला रोड निवासी आशा कर्मी तृप्ति को रविवार रात उल्टी-दस्त की शिकायत हुई। वह अपने पति और बेटे के साथ जिला अस्पताल की इमरजेंसी में पहुंचीं। तबीयत बिगड़ रही थी, उन्हें भर्ती कर इलाज की जरूरत थी, मगर वहां मौजूद डाक्टर ने आशा कर्मी के पति संजय को वार्ड नंबर सात या आठ में यह देखने के लिए भेज दिया कि बेड हैं या नहीं। पति उक्त वार्डों में पहुंचा तो स्टाफ नर्स ने बेड खाली न होने की बात करते हुए लौटा दिया। जो बेड खाली थे, उनके बारे में बताया कि मरीज बाहर टहल रहे हैं। दरअसल, अस्पताल प्रशासन ने वार्डों में एक-एक स्टाफ नर्स की ड्यूटी ही लगा रखी है, जो ज्यादा मरीज नहीं संभाल पा रहीं। उस समय भी बेड खाली थे, लेकिन स्टाफ नर्स ने भर्ती करने से इन्कार कर दिया। पति की बात सुनकर आशा भड़क गई। डाक्टर व स्टाफ को खरी-खरी सुनाई। कहा, मैं दिन-रात मरीजों की मदद के लिए दौड़ती हूं। जब मुझे ही इलाज नहीं मिल रहा तो और लोगों का क्या होता होगा। आशा कर्मी प्रबंधन को कोसते हुए लौट गईं और निजी अस्पताल में इलाज कराया। आरोप है कि स्टाफ ने अभद्रता तक की।
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सीएमएस को संक्रमक मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर बेड बढ़ाने व स्टाफ की ड्यूटी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। आशा कर्मी को इलाज न मिलना गंभीर मामला है। सीएमएस से जानकारी लेकर व्यवस्था में सुधार कराया जाएगा।
डा. आनंद उपाध्याय, सीएमओ