World AIDS Vaccine Day today : एड्स रोगियों को कोरोना व ब्लैक फंगस का खतरा ज्यादा Aligarh news
कोरोना के घातक संक्रमण के साथ अब ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमायकोसिस भी जानलेवा साबित हो रहा है। कोरोना संक्रमित व ऐसी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ब्लैक फंगस व अन्य संक्रमणों का खतरा अधिक है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना के घातक संक्रमण के साथ अब ब्लैक फंगस यानि म्यूकोरमायकोसिस भी जानलेवा साबित हो रहा है। कोरोना संक्रमित व ऐसी अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को ब्लैक फंगस व अन्य संक्रमणों का खतरा अधिक है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इनमें एड्स रोगी भी शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार एड्स रोगियों को कोरोना ही नहीं ब्लैक फंगस का भी खतरा है। इसलिए एचआइवी संक्रमित या एड्स रोगियों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।
इन लक्षणो को लेकर सतर्क रहने की जरूरत
द अलीग फाउंडेशन के संस्थापक डा. मोहम्मद वसी बेग ने कहा कि यह दिवस हर साल 18 मई को मनाया जाता है। यह दिन उन हजारों शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य पेशेवरों के प्रयासों को चिह्नित करता है, जिन्होंने एड्स की सुरक्षित और प्रभावी दवा खोजने की प्रक्रिया में योगदान दिया। एचआइवी संक्रमण शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं को संक्रमित करता है। जब संक्रमित व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली इतनी कमजोर हो जाती है कि वह अन्य प्रकार के संक्रमणों से नहीं लड़ पाए तो उसे एड्स कहते हैं। एचआइवी रक्त, स्पर्म, यौन स्थल में श्राव, तरल पदार्थ, स्तन का दूध आदि से संचारित होता है। बुखार, जोड़ों में दर्द, ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, गले में खराश, बढ़े हुए ग्रंथियां, विशेष रूप से रात में पसीना आना, शरीर में लाल चकत्ते, थकान, कमजोरी, अनजाने में वजन कम होना आदि इस संक्रमण के लक्षण हैं। इसलिए, लक्षणों को लेकर सतर्क रहना चाहिए। एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) से ऐसे मरीजों की प्रतिरक्षा प्रणाली को होने वाले नुकसान को रोका जाता है। अधिकांश लोग स्वस्थ रहते हैं। ऐसे मरीज अन्य संक्रमण से नहीं लड़ सकते। इसलिए सावधान रहना चाहिए।