एड्स रोगी को भी सम्मान से जीने का हक, भेदभाव है गलत Aligarh news
विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल महिला अस्पताल सीएचसी अतरौली व खैर में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। यहां विश्व एड्स दिवस एवं कोविड से संबंधित स्टाल लगाकर लोगों को जागरूक किया गया।
अलीगढ़, जेएनएन : विश्व एड्स दिवस पर मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी अतरौली व खैर में जागरूकता शिविर आयोजित किए गए। यहां विश्व एड्स दिवस एवं कोविड से संबंधित स्टाल लगाकर लोगों को जागरूक किया गया। सीएमओ डॉ. बीपीएस कल्याणी ने बताया कि एड्स छूने और साथ खाने से नही फैलता। बल्कि, असुरक्षित यौन संबंध, खुले घावों के संपर्क में आने से, संक्रमित सूईं या संक्रमित महिला के शिशु को स्तनपान कराने से भी यह हो सकता है। एड्स का बचाव ही इलाज है। गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती महिला की एचआइवी जांच हो जाए तो शिशु में संक्रमण को रोका जा सकता है। एड्स हो जाने पर हिम्मत नहीं हारनी है। केवल नियमित रूप से दवा लेनी है, जैसा कि शुगर व अस्थमा के मरीजों को लेनी पड़ती है।
रोगियों के हालात सुधारने पर जोर
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम भास्कर ने एड्स रोगियों की सामाजिक हालात सुधारने पर जोर दिया। कहा, उस मरीज को भी सामाजिक जीवन जीने का हक है। कोरोना से बचने के लिए कैसे भी लक्षण होने पर निकटतम सरकारी अस्पताल में कोविड टेस्ट जरूर करवाएं।सामाजिक दूरी के अलावा मास्क का भी इस्तेमाल जरूर करें। जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेंद्र कुमार ने बताया कि एड्स को सिर्फ जानकारी व जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है। जिला चिकित्सालय में स्थापित आइसीटीसी व महिला अस्पताल स्थित पीपीटीसी में निश्शुल्क परामर्श, जांच व एआरटी सेंटर में मुफ्त उपचार की सुविधा उपलब्ध है। आइसीटीसी सलाहकार जावित्री देवी व पीपीटीसी सलाहकार कविता सिंह, जिला टीबी एचआइवी समन्वयक नईम अहमद ने भी लोगों को एड्स के प्रति जागरूक किया। जिला पीपीएम समन्वयक पीयूष अग्रवाल एवं डेविड कुमार शाही का सहयोग रहा। विहान के प्रोजेक्ट समन्वयक अमित राघव ने बताया कि एचआइवी/एड्स से ग्रस्त व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। इससे उसे विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो जाती है। इसमें मरीज को आजीवन दवा लेनी पड़ती है। आउट रीच वर्कर सद्दाम हुसैन, नदीम अहमद, विजय बाबू आदि मौजूद रहे।