फिर से किला बनाने में जुटे रामवीर, पुरानी बादशाहत को सपा ने दिया था झटका

जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर 17 साल की बादशाहत को सपा ने छीना था। अब रामवीर ने अपनी बादशाहत वापस लेने के लिए फिर से बिसात बिछा दी है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sun, 02 Jun 2019 04:30 PM (IST) Updated:Tue, 04 Jun 2019 09:40 AM (IST)
फिर से किला बनाने में जुटे रामवीर, पुरानी बादशाहत को सपा ने दिया था झटका
फिर से किला बनाने में जुटे रामवीर, पुरानी बादशाहत को सपा ने दिया था झटका

हाथरस (जेएनएन)। जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट पर 17 साल की बादशाहत को सपा ने छीना था। अब रामवीर ने अपनी बादशाहत वापस लेने के लिए फिर से बिसात बिछा दी है। रामवीर अपने किले का बनाने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं।

पत्नी को बनाया था जिला पंचायत अध्यक्ष
वर्ष 2000 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में रामवीर उपाध्याय ने अपनी धर्मपत्नी सीमा उपाध्याय को जिला पंचायत अध्यक्ष का ताज पहनवाया था। इसके बाद 2005 में फिर से सीमा उपाध्याय जिला पंचायत अध्यक्ष चुनी गईं। 2009 के लोकसभा चुनाव में सीमा उपाध्याय के फतेहपुर सीकरी से सांसद चुने जाने पर उन्होंने जिला पंचायत अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद शेष समय के लिए पूर्व मंत्री के निर्देशन पर उनके खास वीरेंद्र ङ्क्षसह कुशवाहा जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए।

सपा शासन में भाई को जिताया
 2010 में हुए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने रामवती बघेल अध्यक्ष बनवाया। इसके बाद 2015 में प्रदेश में सपा शासन में भी वह अपने भाई विनोद उपाध्याय को एक वोट से जिताने में कामयाब रहे थे। उन्होंने सपा की ओमवती यादव को हराया था। इसके बाद 2017 में सपा की ओमवती यादव ने उनके भाई रामेश्वर उपाध्याय को मात देकर तगड़ा झटका दिया था। अब ठीक दो साल बाद रामवीर ने सपा की जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर अपनी जमीन फिर से बना ली है।

कलक्ट्रेट से लौटे ओमवती-जसवंत
 जिला पंचायत अध्यक्ष ओमवती यादव और एमएलसी जसवंत ङ्क्षसह जिला पंचायत अध्यक्षों की उठापटक से पहले डीएम से मिलने कलक्ट्रेट पहुंचे, लेकिन उन्हें डीएम नहीं मिले। वह कलक्ट्रेट से बाहर निकल ही रहे थे कि तभी रामवीर उपाध्याय जिला पंचायत सदस्यों और समर्थकों के साथ वहां पहुंच गए। उनका काफिला कलक्ट्रेट में पहुंचा। इस पर एमएलसी और जिला पंचायत अध्यक्ष वहां से चले आए।

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