अलीगढ़ में तीन दिन बाद चलने-फिरने लगे भुखमरी के शिकार बच्चे, चेहरे पर मुस्कान

टीकाकरण के लिए दिया गया प्रशिक्षण

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 02:06 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 02:06 AM (IST)
अलीगढ़ में तीन दिन बाद चलने-फिरने लगे भुखमरी के शिकार बच्चे, चेहरे पर मुस्कान
अलीगढ़ में तीन दिन बाद चलने-फिरने लगे भुखमरी के शिकार बच्चे, चेहरे पर मुस्कान

जासं, अलीगढ़ : गरीबी और भूख से जूझ रहे नगला मंदिर के परिवार को हैंड्स फार हेल्प संस्था के सहारे ने एक बार फिर से खड़ा कर दिया है। गुरुवार को चार बच्चों में से तीन चलने-फिरने में सक्षम हो गए। इनके चेहरे पर खुशी देखते छलक रही थी। एक बच्चे की हालत अभी स्थिर है। संस्था के पदाधिकारी व अस्पताल प्रशासन इसकी देखभाल में जुटा है।

आगरा रोड स्थित नगला मंदिर निवासी गुड्डी के पति का निधन हो चुका है। गुड्डी पर दो बेटी व चार बेटे हैं। बड़ी बेटी की शादी हो गई है। गुड्डी कारखाने में मजदूरी करती थी। लाकडाउन में काम छूट गया तो परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया। बच्चे इतने कमजोर हो गए कि चल-फिर भी नहीं पा रहे थे। जैसे-तैसे गुड्डी चार बच्चों को लेकर मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचीं। हैंड्स फार हेल्प संस्था के पदाधिकारियों को परिवार के बारे में पता चला तो मदद करने की ठानी। संस्था के सदस्य बच्चों की देखभाल में जुट गए। मामला सुर्खियों में आया तो प्रशासन भी मदद के लिए आगे आ गया। राशन आदि उपलब्ध कराया गया। हैंड्स फार हेल्प के अध्यक्ष डा. सुनील ने बताया कि 11 वर्षीय विजय, 13 वर्षीय अनुराधा, नौ वर्षीय दीपू अब ठीक हैं। तीनों चल-फिर रहे हैं। छह वर्षीय टीटू की हालत स्थिर है। उसे खून चढ़ाया गया है। अनुराधा व विजय को टाइफाइड था, जबकि दीपू व टीटू को कमजोरी थी। चारों का एक्स-रे कराया गया है। टीटू भी स्वस्थ हो जाएगा।

अंत्योदय कार्ड व मूल निवास प्रमाणपत्र 24 घंटे में ही जारी

गुड्डी के परिवार की मदद के लिए प्रशासन भी अलर्ट है। 24 घंटे में ही सरकारी मदद पीड़ित परिवार तक पहुंचा दी है। पूर्ति विभाग ने 24 घंटे में ही अंत्योदय कार्ड जारी कर दिया है। इससे पीड़ित परिवार हर महीने राशन की दुकान से 20 किलो गेहूं व 15 किलो चावल ले सकेगा। उज्ज्वला गैस कनेक्शन देने की भी तैयारी चल रही है। कोल तहसील से मूल निवास प्रमाणपत्र जारी हो गया है। आधार कार्ड बनने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। जल्द ही बैंक खाता भी खुल जाएगा। परिवार को प्रशासन की तरफ से हर महीने एक हजार रुपये की मदद दी जाएगी। बच्चों को स्कूल भेजने के लिए भी प्रशासन पहल कर रहा है। हाल फिलहाल परिवार को राशन व कुछ खर्च के लिए धनराशि भी दी गई है। डीएम ने बताया कि पीड़ित परिवार को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।

अस्पताल में पीड़ित परिवार से मिले मेयर

भूख से पीड़ित परिवार के जिला अस्पताल में भर्ती होने की सूचना के बाद सामाजिक संगठन व राजनेता दर्द बांटने पहुंच रहे हैं। गुरुवार को मेयर मोहम्मद फुरकान ने अस्पताल पहुंचकर परिवार का हाल जाना, आर्थिक मदद भी की। मेयर ने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से परिवार का पूरा ख्याल रखने को कहा।

बसपा ने की परिवार की मदद

बसपा का प्रतिनिधिमंडल जिला अस्पताल पहुंचा। जिलाध्यक्ष रतन दीप सिंह ने बताया कि पीड़ित परिवार की आर्थिक सहायता की गई है। भविष्य में भी मदद करते रहने का आश्वासन दिया है। इस मौके पर सूरज सिंह, विजेंद्र सिंह विक्रम, सुरेश गौतम, गजराज सिंह विमल, अर्जुन स्वामी, मुकेश चंद्रा, फारुक अहमद आदि मौजूद थे।

समर्पण संस्था ने ली पढ़ाई की जिम्मेदारी

समर्पण संस्था के सदस्यों ने परिवार से मुलाकात कर फल आदि दिए। संस्था की संरक्षक कृष्णा गुप्ता ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। संस्था के पदाधिकारी संजय सिंह राजपूत ने अपने द्रोणा इंटरनेशनल स्कूल में परिवार के सभी बच्चों की कक्षा आठ तक की पढ़ाई मुफ्त कराने की घोषणा की। कहा, किताब कापी भी मुफ्त उपलब्ध कराएंगे। उनके साथ भाजपा नेता राजेंद्र वाष्र्णेय चीफ व अतुल राजा भी थे।

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