चुनाव के बाद मनरेगा के कार्यों ने पकड़ी रफ्तार, बदलने की गांवों की सूरत Aligarh news

मनरेगा ने अब जिले में रफ्तार पकड़ ली है। चुनाव के बाद से ही गांव देहात में तेजी से विकास कार्य शुरू हो गए हैं। अधिकतर पंचायतों में इन दिनों चकरोड़ नाली सफाई समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। नदियों में भी दिन रात सफाई अभियान चल रहा है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 01:27 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 01:42 PM (IST)
चुनाव के बाद मनरेगा के कार्यों ने पकड़ी रफ्तार, बदलने की गांवों की सूरत  Aligarh news
मनरेगा ने अब जिले में रफ्तार पकड़ ली है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  मनरेगा ने अब जिले में रफ्तार पकड़ ली है। चुनाव के बाद से ही गांव देहात में तेजी से विकास कार्य शुरू हो गए हैं। अधिकतर पंचायतों में इन दिनों चकरोड़, नाली सफाई समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। नदियों में भी दिन रात सफाई अभियान चल रहा है। हर दिन जिले में करीब दस हजार से अधिक मानव दिवस सृजित हो रहे हैं। अप्रैल व मई में इसकी स्थिति काफी खराब रही थी। एक दिन में एक हजार मानव दिवस भी सृजित नहीं हो रहे हैं।

रोजगार देने का सबसे बड़ा साधन मनरेगा

प्रशासन के पास मनरेगा सबसे बड़ा रोजगार देने का साधन हैं। जिले में कुल डेढ़ लाख के करीब मनरेगा मजदूर सक्रिय हैं। सरकार हर साल इन्हें कम से कम सौ दिन का रोजगार देती है, लेकिन दिसंबर के बाद से प्रधानों के पद खाली चल रहे थे। एडीओ पंचायतों पर प्रशासक की जिम्मेदारी थी। इसके चलते गांव देहात में मनरेगा कार्य भी ठप हो गए थे। जनवरी से लेकर मई तक लक्ष्य के हिसाब से 10 फीसद भी कम नहीं हुआ, लेकिन अब प्रधानों ने शपथ ले ली है। अधिकतर प्रधानों ने गांव देहात में काम काज भी संभाल लिए हैं। ऐसे में मनरेगा ने भी रफ्तार पकड़ ली है। अब गांव देहात में तेजी से काम चल रहा है। हर दिन करीब दस हजार मानव दिवस सृजित हो रहे हैं। मनरेगा के प्रभारी उपायुक्त सचिन कुमार ने बताया कि अब नदियों में भी मनरेगा से काम चल रहा है। ऐसे में बड़ी संख्या में मजदूर एक साथ काम कर रहे हैं। हर दिन दस हजार से अधिक मानव दिवस सृजित हो रहे हैं।

chat bot
आपका साथी