अलीगढ़ में सोना तस्‍करी में संलिप्‍त दो रोहिंग्या पकड़े जाने के बाद जागा प्रशासन, फिर से होगा सर्वे Aligarh news

सोना तस्करी में संलिप्त दो रोहिंग्या की अलीगढ़ में गिरफ्तारी होने से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। इनकी सही संख्या और गतिविधि जानने के लिए एक बार फिर से गोपनीय सर्वे कराने की तैयारी है। प्रशासन पुलिस व एलआइयू संयुक्त रूप से यह सर्वे करेगा।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:04 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 08:09 AM (IST)
अलीगढ़ में सोना तस्‍करी में संलिप्‍त दो रोहिंग्या पकड़े जाने के बाद जागा प्रशासन, फिर से होगा सर्वे Aligarh news
सोना तस्करी में संलिप्त दो रोहिंग्या की अलीगढ़ में गिरफ्तारी हुई है।

अलीगढ़, जेएनएन।  सोना तस्करी में संलिप्त दो रोहिंग्या की अलीगढ़ में गिरफ्तारी होने से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों में खलबली मच गई है। इनकी सही संख्या और गतिविधि जानने के लिए एक बार फिर से गोपनीय सर्वे कराने की तैयारी है। प्रशासन, पुलिस व एलआइयू संयुक्त रूप से यह सर्वे करेगा। अब तक प्रशासन के पास जिले में 240 से अधिक रोहिंग्‍या मुस्लिम का डाटा है। माना जा रहा है कि इनके साथ कुछ अन्य रोहिंग्या पहचान छिपाकर हो सकते हैैं। मकदूम नगर में तो सत्यापन शुरू कर दिया गया है। इसी क्षेत्र में सबसे अधिक रोहिंग्या हैैं।

देश में करीब 40 हजार रोहिंग्‍या मुसलमान 

म्यांमार के रोहिंग्‍या मुसलमानों में से करीब 40 हजार भारत में हैं। इनमें 16 हजार शरणार्थी रूप में हैं। खुफिया व सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुल 1200 रोहिंग्‍या हैं। प्रशासन के रिकार्ड के मुताबिक इनमें से 246 अलीगढ़ जिले में पंजीकृत थे। इनमें से छह काफी समय पहले चले गए। 240 से अधिक अभी भी रह रहे हैैं। इन सभी के पास शरणार्थी कार्ड हैं। कुछ ऐसे भी हैं, जिनके पास कार्ड नहीं हैं। अधिकतर रोहिंग्‍या मीट फैक्ट्रियों में काम करते हैं। इन सबका डेटा आनलाइन हो चुका है। अब सर्वे में सभी रोहिंग्‍या के शरणार्थी कार्ड से लेकर पहचान पत्र तक देखे जाएंगे।

सोता रहा खुफिया तंत्र

रोहिंग्‍या की निगरानी का काम एलआइयू यानी खुफिया तंत्र करता है। लेकिन, हर बार एटीएस की गिरफ्तारी के बाद भी खुफिया तत्र की आंखें खुलती हैं। करीब छह महीने पहले भी एटीएस ने मकदूम नगर से ही रोङ्क्षहग्या अमानउल्ला को पकड़ा था। तब कुछ ही दिन खुफिया तंत्र सक्रिय रहा। अब फिर गिरफ्तारी होने से खुफिया तंत्र सक्रिय हुई है। एसपी सिटी कुलदीप ङ्क्षसह गुनावत ने बताया कि रोङ्क्षहग्या का सत्यापन करवाया जाएगा। इसके लिए टीमों ने काम शुरू कर दिया है।

कस्टडी रिमांड के लिए लखनऊ पहुंची अलीगढ़ की टीम

पकड़े गए दोनों रोहिंग्या को अब कस्टडी रिमांड पर लेने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए अलीगढ़ एटीएस की टीम भी लखनऊ में डटी हुई है। एटीएस ने मूलरूप से म्यामार के निवासी मो. रफीक और मो. आमीन को गुरुवार को मकदूमनगर से गिरफ्तार किया है। सूत्रों के अनुसार दोनों से शुरुआती पूछताछ में कई और रोङ्क्षहग्या के बारे में अहम जानकारियां मिली हैं। दोनों रोहिंग्या सगे भाई हैं। वर्ष 2012 में ही बिना पासपोर्ट के बांग्लादेश की सीमा से कोलकाता के रास्ते भारत में आए थे। यहां से ट्रेन से अलीगढ़ आ गए और मीट फैक्ट्री में काम करने लगे। दोनों के पास चार-चार बच्चे हैं। रिफ्यूजी कार्ड भी बनवा रखा था। दोनों यहां मीट फैक्ट्री में ठेकेदारी करते थे। लेकिन, जनवरी में फैक्ट्री मालिक ने बर्मा के मजदूरों को निकाल दिया, जिसके बाद से ये दोनों भी बेरोजगार हो गए थे। इनसे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि वे अलीगढ़ तक किसकी सहायता से पहुंचे।

साढ़ू ने खोला तस्करी का राज

सूत्रों के मुताबिक, रफीक का साढ़ू बांग्लादेश का मोहम्मद हसन भी पहले अलीगढ़ में रहकर ठेकेदारी करता था। लेकिन, किसी बात को लेकर रफीक और हसन में विवाद हो गया। हसन ने ही एटीएस को रफीक के बारे में जानकारी दी थी।

chat bot
आपका साथी